भोपाल। राज्य शासन द्वारा चार स्थानीय निकायों के अध्यक्षों को उनका कार्यकाल समाप्त होने से पहले पद से हटाने का मामला गर्माता जा रहा है। नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने सोशल मीडिया पर इसकी आलोचना करते हुए इसे कमलनाथ सरकार की राजनीतिक साजिश करार दिया है।
राज्य सरकार ने 08 जनवरी को प्रदेश की चार नगर पालिकाओं/नगर परिषदों के अध्यक्षों को हटाने के आदेश जारी किये थे। ये चारों जनप्रतिनिधि भारतीय जनता पार्टी के हैं और इनका कार्यकाल पूरा होने में महज 1 से 11 दिन तक बाकी थे। इन सभी को आर्थिक गड़बड़ियों के आरोप में हटाया गया है और जब तक जांच चलेगी, ये जनप्रतिनिधि दोबारा चुनाव नहीं लड़ सकेंगे। इतना तो तय है कि इस साल होने वाले निकाय चुनाव चुनावों से पहले तो यह जांच पूरी नहीं ही होगी। नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने सरकार के इस कदम की आलोचना करते हुए ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा है कि कमलनाथ सरकार ऐसी साजिश रच रही है कि भारतीय जनता पार्टी के जनप्रतिनिधि फिर से चुनाव न लड़ सकें। उन्होंने कहा है कि कमलनाथ सरकार का यह कदम घोर निंदनीय है। यह सरकार अपनी सत्ता को बचाए रखने के लिए राजनीतिक साजिश रच रही है।
एक अन्य ट्वीट में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने उज्जैन में सीएए के समर्थन निकाली गई रैली को लेकर आयोजकों पर मामले दर्ज किए जाने को गलत बताते हुए कहा है कि सरकार जनता की आवाज को दबाने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा है कि प्रदेश में सभी जगहों पर सीएए के समर्थन में रैलियां निकाली जा रही हैं। इन रैलियों का आयोजन भारतीय जनता पार्टी नहीं कर रही है, बल्कि जनता खुद ये रैलियां निकाल रही हैं, जिनमें हजारों लोग शामिल हो रहे हैं। उन्होंने कहा है कि आयोजकों पर केस दर्ज करके प्रदेश सरकार जनता की आवाज को दबाने का काम कर रही है।