आंकड़ों में झूठ की बाजीगरी
दिव्या परमार की रिपोर्ट पार्षद संगीता गुर्जर ने नगर पालिका प्रशासन पर सही जानकारिय नहीं देने का आरोप लगाया हैं और कहा हैं की खर्च के आंकड़े सच्चाई से कोसो दूर हैं | नगर पालिका प्रशासन द्वारा विभिन्न मदों में खर्च की गई राशी वास्तविकता से कोसो दूर हैं | पीआईसी सदस्यों का आरोप हैं की बजट में दर्शाए गए गत तीन साल के आंकड़े सच्चाई से परे हैं | सामान्य प्रशासन और संग्रहण प्रभार में दर्शाई गई मदों के रूप में विगत तीन वर्ष ०७-०८ में २२ लाख ३२ हजार ५७४ रुपए , वर्ष ०८-०९ में ३४ लाख ३ हजार ३७९ रुपए , वर्ष ०९-१० में ३४ लाख ४२ हजार ४२३ रुपए खर्च किये गए हैं , लेकिन इनका ब्यौरा प्रस्तुत नहीं किया हैं | एक मोटा हिसाब देने से यह बात स्पष्ट नहीं होती हैं कि किन वस्तुओं पर कितनी राशी खर्च कि गई हैं | सार्वजनिक शिक्षा में दर्शाई गई मदों के रूप में सन २००७-०८ में ३८ लाख ८३ हजार ९६ रुपए , वर्ष ०८-०९ में २० लाख ९६ हजार ९८८ रुपए तथा वर्ष ०९-१० में ७३ लाख ४५ हजार ३९ रुपए व्यय दर्शाया गया हैं | शिक्षा समिति कि सभापति संगीता गुर्जर ने बताया कि हर साल लाखों रुपए क्ल्हार्च किये जा रहे हैं , लेकिन इसकी बिंदुवार जानकारी उपलब्ध नहीं कराई जाती | सार्वजनिक सुविधा में दर्शाई गई मदों के रूप में खर्च कि गई राशी एवं लोनिवि में दर्शाई मदों के रूप में वर्ष ०८-०९ में ३० करोड़ ३२ लाख ७३ हजार ३४ रुपए , वर्ष ०९-१० में १६ लाख ७० हजार ६७२ रुपए कि राशी व्यय कि गई हैं , लेकिन इसका विस्तृत ब्यौरा प्रस्तुत नहीं किया गया हैं | लोक निर्माण विभागीय समिति के सभापति तुलसी राम जातव का कहना हैं कि नपा प्रशासन के बजट में करोडो का खर्चा दर्शाया गया हैं , जो किसी भी कीमत पर सही नहीं हो सकता | (कोलार न्यूज़)