सीहोर। जिले में निकाय चुनाव अप्रैल-मई में होने की घोषणा होते ही राजनीतिक हलचल बढ़ गई है। चुनाव होने में अब केवल 4 माह का समय बचा है। जिले में इस बार एक नगर पालिका और 6 नगर परिषद में चुनाव होना है। वर्तमान में आष्टा नगर पालिका और इछावर नगर पंचायत पर कांग्रेस तथा जावर और बुधनी नगर पंचायत पर निर्दलीयों का कब्जा है। शेष तीन नगर पंचायत पर भाजपा का कब्जा बना हुआ है।
नगरी निकाय के चुनाव 5 साल बाद होने जा रहे है। सीहोर जिले में दो नगरपालिका है, इनमें से आष्टा नगर पालिका में अप्रैल-मई में चुनाव होंगे। इन सभी नगरीय निकायों का कार्यकाल जनवरी में खत्म हो रहा है। अप्रैल-मई में सभी सात निकाय के लिए मतदान हो जाएगा, इसके बाद नई परिषद भी बन जाएगी। वहीं चुनाव की घोषणा होते ही राजनीतिक पार्टियां सक्रिय हो गई हैं। भाजपा के जिला अध्यक्ष रवि मालवीय ने कहा है कि चुनाव के लिए तैयारी शुरू हो गई है। हमारे कार्यकर्ता इसके लिए पहले से ही जुट गए है। पिछले नगरीय चुनाव के दौरान प्रदेश में भाजपा की सरकार थी ऐसे में भाजपा ने अपनी योजनाओं और कार्यों के आधार पर नगरीय निकायों में अपना परचम लहराया था, लेकिन इस बार स्थिति विपरीत है। वर्तमान में प्रदेश सरकार कांग्रेस के हाथ में हैं, इसलिए नपा चुनाव में भाजपा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। छोटे स्तर पर गठित समितियों से भी भाजपा कार्यकर्ताओं बाहर हो गए हैं।
रवि मालवीय ने कहा कि पिछले दिनों हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने जो घोषणाएं की थी, हकीकत में उनका लाभ धरातल पर लोगों को नहीं मिल पा रहा है। कर्जमाफी और गौशाला योजनाओं को लेकर अभी किसानों में नाराजगी है। भाजपा सरकार के समय पर शुरू की गई योजनाओं का लाभ भी हितग्राहियों को नहीं मिल पा रहा है।
सीहोर में चुनाव एक साल बाद
सीहोर नगर पालिका में परिषद कार्यालय 1 साल बाद खत्म होगा। हालांकि विवादों और आरोप प्रत्यारोप के दौर के बाद अभी यहां नपा में कांग्रेस का ही कब्जा है। पिछले दिनों कांग्रेस की पार्षद को ही नपाध्यक्ष नॉमिनेट किया गया है। यहां परिषद का कार्यकाल एक साल बाद खत्म होगा।