भोपाल/जबलपुर। आर्थिक संकट से जूझ रही मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार ने एक बार फिर एक हजार करोड़ रुपये का कर्ज लेने की तैयारी कर ली है। वहीं, भाजपा ने सरकार द्वारा लिये जा रहे लगातार कर्ज को लेकर सवाल उठाये हैं। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने मंगलवार को जबलपुर में मीडिया से बात करते हुए कहा कि सरकार बार-बार कर्जा लेकर उसका सदुपयोग नहीं कर पा रही है।
दरअसल, प्रदेश के विकास कार्यों के साथ-साथ अधूरे प्रोजेक्टों को पूरा करने के लिए राज्य सरकार भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से एक हजार करोड़ रुपये का कर्ज लेने जा रही है। बता दें कि मुख्यमंत्री कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार पिछले एक साल में अब तक जरूरी कामों के लिए आरबीआई और अन्य संस्थाओं से साढ़े 17 हजार करोड़ रुपये का कर्ज ले चुकी है। वित्त विभाग के अधिकारियों ने बताया कि राज्य में बेहतर वित्तीय प्रबंधन के चलते राज्य सरकार अपने सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 3.5 प्रतिशत तक कर्ज ले सकती है। इस हिसाब से मध्यप्रदेश 28 हजार करोड़ रुपये तक का कर्ज ले सकता है। कुल मिलाकर अब तक मध्यप्रदेश पर एक लाख 86 हजार करोड़ रुपये के कर्जा हो चुका है।
सरकार द्वारा फिर से कर्ज लेने को लेकर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने मंगलवार को जबलपुर में बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार लगातार कर्जा तो ले रही है, लेकिन उसका सदुपयोग नहीं कर पा रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार ने कर्ज लेकर प्रदेश का विकास किया था, लेकिन यह सरकार कर्ज लेकर उसका दुरुपयोग कर रही है। वहीं, केंद्र सरकार से राज्य को कम राशि मिलने के सवाल पर राकेश सिंह ने कहा था कि कांग्रेस की सरकार अपने वचन पत्र में किए गए वादों को भी पूरा नहीं कर पा रही है। मुख्यमंत्री बताएं कि क्या उन्होंने केंद्र के भरोसे जनता से वादे किये थे।
उन्होंने कमलनाथ सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जबलपुर में बनने वाले प्रदेश के सबसे बड़े फ्लाईओवर के लिए केंद्र सरकार द्वारा सीआरएफ फंड से 192 करोड़ की राशि जारी की गई थी, लेकिन यह फ्लाईओवर पैसा मिलने के बाद भी नहीं बनाया गया। प्रदेश सरकार खुद को मजबूत करने के लिए केंद्र के विकास कार्य रोक रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा नए साल में नई ऊर्जा के साथ आंदोलन करेगी और जनमुद्दों पर सडक़ों पर उतरकर संघर्ष किया जाएगा।