कोलार ,उपनगर होने के वावजूद विकास नहीं
कोलाrलगभग तीन चार वर्षसे आज तक न तो पानी की ठीक व्यवस्था है नाही कोलार को पाइप लाइन के जरिये पानी दिलाने की कोई व्यवस्था |यह समस्या अधिकांश कॉलोनियों की है जिसमे पानी के साथ सीवेज की समस्याएं प्रमुख है | आए दिन सीवज की लाइन चौक तो कभी ओवर फ्लो यह सब इसलिए क्यूंकि इन्हें बनाते वक़्त भविष्य का कुछ सोचा नहीं गया की क्या होगा ?हाल ही में वार्ड नंबर १८ के वरुण नगर कालोनी में सीवेज टूटने से सड़क पर गंदगी रहती है जिससे राहगीरों को निकलने बहुत दिक्कत होती है |इस कालोनी की अवादी लग भग ५०० से ६०० के करीब है यहाँ पर रहने वाले आज भी नीजी पानी के टेंकरों पर निर्भर हैं |यहाँ के रहवासियों ने मिलकर सी एमओ ,अध्यक्ष से लेकर प्रमुख सचिव तक से शिकायत की मगर कोई सुनवाई नहीं हुई | यहाँ की कोलोनिओं के प्लाट कचरा घर बन गए हैं जिस नगर पालिका दावा करता है की व्यवस्था दुरुस्त है क्यूंकि सिर्फ उनकी फाइल व् उनके घर दुरुस्त है तो समझते है की सब दुरुस्त है | यह तो बात अफसरान की उसके बाद दो कदम आगे परिषदों के पार्षद आपस मे उलझ के समय ख़राब करते है मगर अपने अपने वार्डों की तरफ देखना जरूरी नहीं समझते |जब की वार्डों के रहवासी सोचते है की हमारा जनप्रतिनिधि हमारे साथ है मगर उन्हें क्या मालूम की यह लोग काम काम आपस मे विवाद खड़ा कर राजनीती की सुर्ख़ियों मे आना चाहते है जो की इनका उद्देश्य है वार्डों में काम जरुरी नहीं |जाने कब प्रशासन अपनी ऑंखें खोलेगा और कोलार का विकास होगा कब सौतेल्ला व्यवहार ख़त्म होगा |