भोपाल| मध्यप्रदेश में इन दिनों खाद की समस्या को लेकर राजनीतिक जंग छिड़ी हुई है| पक्ष और विपक्ष लगातार एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं, वही इन सब के बीच मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बीच एक बार फिर ट्विटर पर जंग छिड़ गई है| सीएम कमलनाथ द्वारा टवीट कर खाद की किल्लत के लिए केंद्र सरकार पर आरोप लगाए जाने पर पूर्व सीएम शिवराज ने पलटवार किया है| शिवराज ने एक के बाद एक लगातार कई टवीट कर राज्य सरकार का घेराव किया है| शिवराज ने तंज कसते हुए कहा है कि अपनी असफलता का ठीकरा कहीं और ना फोड़े|
सूबे मे खाद की किल्लत के चलते किसानों को हो रही परेश्हनी पर अब प्रदेश के दो दिग्गज नेताओं की लड़ाई सोशल मीडिया पर भी देखने को मिल रही है| मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा मंगलवार देर रात टवीट कर प्रदेश मे खाद को लेकर हो रही परेशानी के लिए केंद्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया है| कमलनाथ के इस हमले का जवाब शिवराज सिंह चौहान ने लगातार 3 टवीट कर दिया है | शिवराज सिंह ने कमलनाथ के टवीट को रिट्वीट करते हुए लिखा ' कमलनाथ जी, आपकी सरकार प्रदेश में यूरिया की व्यवस्था करने में बुरी तरह फेल हुई है। कृपया अपनी असफलता का ठीकरा और कहीं न फोड़ें। जब @BJP4MP की सरकार थी, तब हम एडवांस और डीटेल्ड प्लानिंग करते थे, रबी व खरीफ की फसल के लिए कितना यूरिया लगेगा,इसका आँकलन करते थे व अग्रिम भंडारण करते थे। किसानों को पहले ही सूचित कर दिया जाता था कि तीन माह पहले ही अपना खाद उठा कर घर ले जाएँ। चूँकि किसान तीन माह पहले ही खाद उठा लेता था, तो उसका ब्याज भी सरकार भरती थी। इसके कारण मध्यप्रदेश में यूरिया का संकट कभी नहीं आया और किसानों को समय पर पर्याप्त यूरिया मिला। शिवराज ने अपने टवीट मे आगे लिखा ' आपकी सरकार सोती रही, किसी ने कोई प्लानिंग नहीं की। खाद आया भी तो कुप्रबंधन के कारण ढंग से किसानों को आपूर्ति नहीं हो पाई, खाद की कालाबाज़ारी हुई। व्यवस्था ठीक कीजिये, केवल दूसरे के सर पर ठीकरा मत फोड़िये'।
यह था कमलनाथ का टवीट
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपने टवीट मे लिखा था "रबी मौसम के लिए यूरिया की मांग को देखते हुए हमने केन्द्र सरकार से 18 लाख मिट्रीक टन यूरिया की मांग की थी परंतु केन्द्र सरकार द्वारा यूरिया के कोटे में कमी कर दी गयी| केंद्र सरकार पर यूरिया आबंटन की कमी का आरोप लगते हुए उन्होंने कहा कि 'एक साथ मांग आने तथा केन्द्र सरकार द्वारा हमारे यूरिया के कोटे में कमी कर देने के कारण वितरण में जरूर कुछ स्थानों पर किसान भाइयों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा है लेकिन हम लगातार यूरिया की पर्याप्त आपूर्ति को लेकर प्रयासरत हैं और केंद्र सरकार से प्रदेश का यूरिया का कोटा बढ़ाने को लेकर निरंतर हमारे प्रयास जारी है। 'यदि भाजपा सच्ची किसान हितैषी है तो उसे इस मुद्दे पर राजनीति करने की बजाय अपनी केंद्र सरकार पर दबाव डालकर प्रदेश की मांग अनुसार यूरिया की आपूर्ति सुनिश्चित करवाना चाहिये' ।