भोपाल। कांग्रेस ने केन्द्र सरकार पर यूरिया की आपूर्ति में कमी कर एक बार फिर प्रदेश सरकार से सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया है। मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने कहा है कि मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार किसानों के हित में निरंतर निर्णय लेते हुए कार्य कर रही है। चाहे किसानों की कर्ज माफी की बात हो या संकट के समय किसानों को राहत पहुंचाने की, मुख्यमंत्री कमलनाथ के नेतृत्व में पूरी सरकार इस दिशा में कार्य कर रही है। वही केंद्र की मोदी सरकार का निरंतर किसान विरोधी रवैया सामने आ रहा है।
सलूजा ने कहा कि चाहे पूर्व में भावंतर योजना की 1073 करोड़ की राशि रोकने की बात हो या प्रदेश में अतिवृष्टि से आयी प्राकृतिक आपदा। जिसमें करीब 55 लाख किसान प्रभावित हुए हैं, करीब 60 लाख हेक्टेयर फसलें बर्बाद हुई है, प्रदेश में करीब 16 हज़ार करोड़ का नुकसान हुआ है। उसमें राष्ट्रीय आपदा कोष से बार-बार आग्रह कर 6621 करोड रुपये मांगने के बावजूद अभी तक मात्र 1 हज़ार करोड़ की राशि केंद्र सरकार द्वारा प्रदेश सरकार के लिए स्वीकृत की गई है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार का किसान विरोधी रवैया व प्रदेश के साथ सौतेला व्यवहार निरंतर सामने दिख रहा है। वही इस मामले में प्रदेश के भाजपा नेताओ व सांसदो का मौन होकर किसान विरोधी आचरण लाखों किसान भाई खुद देख रहे है।
सलूजा ने कहा कि अतिवृष्टि और बाढ़ से किसानों की खरीफ फसलें चौपट होने के बाद किसान रबी फसलों से उम्मीद लगाए बैठे हैं। किसानों की इसी जरूरत का आँकलन कर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पूर्व में ही किसानों को पर्याप्त यूरिया की आपूर्ति को लेकर चिंता जताते हुए इसको लेकर पूर्व में ही प्रयास शुरू कर दिये थे। मुख्यमंत्री कमलनाथ के नेतृत्व में कृषि विभाग पिछले 3 माह से यूरिया की आपूर्ति को लेकर प्रयासरत था। इसके कारण प्रदेश के पास पिछले साल के मुकाबले अभी भी 76 हज़ार मिट्रीक टन अधिक यूरिया उपलब्ध है। वही पिछले साल के मुकाबले 68 हज़ार मिट्रीक टन अधिक की बिक्री हो चुकी है। प्रदेश सरकार यूरिया की आपूर्ति को लेकर निरंतर प्रयासशील है। प्रदेश में यूरिया का किसी भी प्रकार का कोई संकट नहीं है। भविष्य में भी किसानों को यूरिया की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी।