पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने श्री त्रिदण्डी श्रीमन्नारायण रामानुज स्वामी से की भेंट
भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवराज सिंह चौहान सदस्यता अभियान के तहत हैदराबाद प्रवास पर हैं। इस दौरान उन्होंने अपनी धर्मपत्नी साधना सिंह के साथ श्रीवैष्णव सम्प्रदाय के प्रचारक एवं दक्षिण भारतीय सन्त संयासी श्रीमन्नारायण चिन्न जीयर स्वामी से भेंट की और उनके द्वारा संचालित वैदिक संस्कृत गुरुकुलों का अवलोकन किया।
शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार सुबह ट्वीट कर जानकारी साझा करते हुए लिखा ‘श्री श्री श्री त्रिदण्डी श्रीमन्नारायण रामानुज चिन्ना जियर स्वामीजी के सानिध्य में धन्य हुआ। आध्यात्मिक महान विभूति एवं सभी प्राणियों में एक ही चेतना के दर्शन का अमर संदेश देने वाले श्री रामानुजाचार्य स्वामीजी की भव्य प्रतिमा एवं दिव्यदेशम का दर्शन कर आत्मा प्रसन्न हो उठी। श्री राघवेंद्र सरकार, श्री रंगनाथ स्वामी, श्री वैकुण्ठधाम विराजित प्रभु के दर्शन किये और दक्षिण भारतीय परंपरानुसार कार्तिक मास की समाप्ति के अवसर पर वैदिक पद्धति अनुसार वनभोज का आनंद सभी भक्तों के साथ लिया। साकेतधाम निवासी श्रीराम प्रभु के दर्शन अद्भुत रहे। जय श्रीमन्नारायण’।
सन्त संयासी श्रीमन्नारायण द्वारा संचालित गुरुकुल में दिव्यांग और नेत्रहीन बच्चों को दी जा रही आधुनिक शिक्षा की प्रशंसा करते हुए शिवराज ने कहा ‘श्री श्री श्री त्रिदण्डी श्रीमन्नारायण रामानुज चिन्ना जियर स्वामीजी समाजसेवा, वैदिक शिक्षा के प्रसार, दिव्यांग-नेत्रहीन बालक-बालिकाओं की शिक्षा जैसी गतिविधियों में अद्भुत कार्य कर रहे हैं। छोटे-छोटे बटुक वेद पाठ सीख रहे हैं। नेत्र विद्यालय में नेत्रहीन प्रतिभाशाली बालक-बालिकाएँ आधुनिक तकनीक से शिक्षा ले रहे हैं। स्वामीजी आप धन्य हैं, आपका संकल्प, समर्पण, सेवा अद्भुत है, अकल्पनीय है! आपके चरणों में बारम्बार प्रणाम।
अपने अंतिम ट्वीट में शिवराज ने लिखा ‘न कोई ऊँचा, न कोई नीचा, न कोई अमीर, न कोई गरीब, कहीं कोई भेद नहीं। मानवमात्र को ईश्वर प्रेम का मंत्र देने वाले महान संत श्री रामानुजाचार्य स्वामी को समर्पित 'स्टेच्यू ऑफ इक्वालिटी' व दिव्यदेशम मंडपम को देखकर आत्मा आनंद से भर गई। सत्यसनातन धर्म, हमारी महान सांस्कृतिक विरासत, मानवता और बंधुत्व को समर्पित इस परियोजना के लिए श्री श्री श्री त्रिदण्डी स्वामी चिन्ना जियर के चरणों में शत-शत प्रणाम।