बैतूल। अंतरराष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी, बैतूल के सांसद रहे पूर्व केन्द्रीय मंत्री असलम शेर खान ने है कहा कि मध्यप्रदेश में प्रदेश कांग्रेस कमेटी का गठन जल्द होना चाहिए। पीसीसी के गठन के बाद ही मंत्रीमंडल का पुनर्गठन किया जाये। पीसीसी का पुनर्गठन नहीं होने से सरकार और संगठन में समन्वय नहीं बन पा रहा है। परिणामस्वरूप सरकार एवं आमजन के बीच भी गैप बढ़ रहा है। यह बातें उन्होंने बैतूल में पत्रकारों से बातचीत में कही।
दरअसल, पूर्व केन्द्रीय मंत्री असलम शेर खां बैतूल में एक निजी कार्यक्रम में शामिल होने आए थे। उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि मप्र में कांग्रेस की बागडोर संभालने के सवाल पर उन्होंने इंकार करते हुए कहा कि वे ईमानदारी से काम करने में भरोसा रखते है। परंतु राजनीति में अब ईमानदारी का काम नहीं रह गया है। पीसीसी चीफ किसे बनाया जाए, इस सवाल को टालते हुए उन्होंने जल्द से जल्द नया प्रदेश अध्यक्ष बनाकर पीसीसी के पुनर्गठन की वकालत की।
पूर्व केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि संगठन को प्राथमिकता पर रखना जरूरी होता है, तभी सरकार संगठन एवं आवाम में सामजस्य एवं समन्वय बना रहता है। सरकार के प्रोग्राम पार्टी संगठन के माध्यम से लागू होना चाहिए, परंतु मप्र में ऐसी स्थिति नहीं है। सरकार एवं कांग्रेस संगठन में समन्वय नहीं होने से मप्र में कांग्रेस की सरकार होने के बाद भी जनता को इसका अहसास नहीं हो रहा है। क्योंकि कांगे्रस के विधायक एवं मंत्री कहां क्या काम कर रहे हैं, इसकी जानकारी अवाम को नहीं है। उन्होंने कहा कि मोदी लहर के बावजूद भी लोकसभा चुनाव में मप्र में कांग्रेस को एक करोड़ 27 लाख मतदाताओं ने अपना वोट दिया था। इसलिए वोट बैंक को साधे रखने के लिए संगठन को मजबूत करना जरूरी है।
अमित शाह के अहंकार से नहीं बन पाई महाराष्ट्र सरकार
महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर घटित घटनाक्रम के सवाल पर पूर्व केन्द्रीय मंत्री असलम शेर खां ने कहा कि अटल जी एवं बाला साहब ठाकरे के जमाने से शिवसेना एवं भाजपा के बीच एक सिस्टम बना हुआ था। यदि अमित शाह अपना अहम एवं अहंकार छोड़ दें, तो महाराष्ट्र में शिवसेना-भाजपा गठबंधन की सरकार बन जायेगी। महाराष्ट्र में सरकार गठन नहीं होने में कांग्रेस का कोई फाल्ट नहीं है। महाराष्ट्र घटनाक्रम को लेकर उन्होंने आशंका जताई कि अब नरेन्द्र मोदी और अमित शाह का डाउन फॉल होना शुरू हो गया है। विधानसभा चुनाव के दौरान मध्यप्रदेश एवं महाराष्ट्र में हुई छापामार कार्यवाही को गलत बताते हुए कहा कि चुनाव तो हमेशा बहादुरी से लड़े और जीते जाना चाहिए।