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भोपाल। देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरु की 130वीं जयंती के अवसर पर उच्च शिक्षा विभाग द्वारा भोपाल के बरकतुल्ला विश्वविद्यायल में नेहरू एवं शिक्षा" विषय पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में शामिल होने मुख्यमंत्री कमलनाथ, उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी पहुंचे। यहां सीएम ने ना सिर्फ बच्चों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का जायजा लिया। इस मौके पर उन्होंने ऐलान किया कि मप्र में जल्द ही बाल युवा क्लब का गठन किया जाएगा।
कार्यक्रम के दौरान नेहरु संग बिताई अपनी यादों को साझा करते हुए सीएम कमलनाथ ने कहा कि मुझे आज के दिन बहुत खुशी होती है। पण्डित नेहरू केवल देश के प्रधानमंत्री नहीं थे, बल्कि त्याग की प्रतिमूर्ति थे। पंडित नेहरू जब बच्चों के साथ होते थे तो सिर्फ बच्चों की बात करते थे। कमलनाथ ने कहा कि पंडित जवाहरलाल नेहरू त्याग संघर्ष के प्रतीक है। जब मैं देहरादून बोर्डिंग स्कूल में पढ़ाई करता था तब जवाहरलाल नेहरु से मुलाकात हुई थी। तब उनसे 6-7 घंटे का समय बातचीत करने में ही बीत जाता था। उस समय न कोई फ़ोन और न कोई अधिकारी होता था। उनके साथ घूमने के समय वो हमसे पढ़ाई के अलावा खेलकूद की बातें करते थे। हम तब उनको एक प्रधानमंत्री के रुप में नही समझते थे। रविवार के दिन नेहरू जी दून स्कूल में संजय गांधी और मुझे घूमाने लेकर जाते थे और कई बातें बताते थे।
सीएम कमलनाथ ने कहा कि बच्चों को गंभीरता से समझना पड़ेगा कि उस समय कितनी चुनौती थी जब पंडित जवाहरलाल नेहरू देश के पहले प्रधानमंत्री बने थे। भाषाओं, धर्मों, जातियों के साथ प्रांतो को बांटने की चुनौती थी। देश में एकता के लिए चुनौती थी लेकिन जवाहरलाल नेहरू ने देश को एक नई दिशा दी जिससे आज पूरा देश एक झंडे के नीचे खड़ा है। सीएम कमलनाथ ने कहा कि 50 साल पहले की शिक्षा और आज की शिक्षा में काफी अंतर है। आज इंटरनेट का युग है, बच्चों के लिए शिक्षा आसान हो गई है। आधुनिक भारत बनाने की सोच थी पंडित जवाहरलाल नेहरू में। उन्होंने कहा यूनिवर्सिटी में शिक्षा मिल जाएगी लेकिन ज्ञान रोज़ लेना पड़ता है, मैं भी ज्ञान लेता रहता हूं।
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