पचौरी के कैलाश कांग्रेस के महापौर उमीदवार
भोपाल से महापौर पद के लिए कांग्रेस उम्मीदवार को लेकर दो पूर्व केंद्रीय राज्यमंत्री सुरेश पचौरी व ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच शह और मात का खेल चला। आखिरकार जीत पचौरी को मिली। वे कैलाश मिश्रा को उम्मीदवार घोषित कराने में सफल रहे। सिंधिया ने अपने समर्थक संजय श्रीवास्तव को मैदान में उतारने के लिए एक माह पहले ही बिसात बिछा दी थी।लेकिन वह सफल नहीं हो सके। श्रीवास्तव का नाम रुकवाने के लिए पचौरी सोमवार को दिल्ली पहुंच गए। हाईकमान के सामने तर्क दिया कि मिश्रा को उम्मीदवार नहीं बनाया तो आरिफ मसूद निर्दलीय चुनाव लड़ सकते हैं।बस यहीं से बाजी पलट गई। प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव ने फोन पर पचौरी से बात की। प्रदेश संगठन के अन्य पदाधिकारी भी सक्रिय हो गए। नामांकन पत्र जमा करने के अंतिम समय से कुछ घंटे पहले ही पीसीसी ने मिश्रा को उम्मीदवार बनाने का ऐलान कर दिया। इसके बाद मसूद के अलावा पार्टी में महापौर पद के दो अन्य अल्पसंख्यक दावेदार जहीर अहमद और सईद अहमद सुरूर ने भी फॉर्म नहीं भरे। मिश्रा को टिकट दिलाकर पचौरी संदेश देना चाहते थे कि भोपाल संभाग में उनका दबदबा है। महापौर पद के लिए 25 और पार्षद के लिए 1006 उम्मीदवारों ने भरा पर्चानामांकन दाखिल करने के आखिरी दिन मंगलवार को करीब 778 उम्मीदवारों ने पर्चे दाखिल किए। नामांकन खत्म होने तक कांग्रेस के पार्षद पद के उम्मीदवारों के टिकट तय नहीं होने के कारण हर वार्ड से कांग्रेस के तीन से ज्यादा उम्मीदवारों ने पर्चे भरे। उम्मीदवारों की संख्या इतनी ज्यादा थी कि उन्हें टोकन बांटने पड़े। दोपहर तीन बजे पर्चा दाखिल करने का समय खत्म होने पर कलेक्टोरेट का मुख्य गेट बंद किया गया तो उम्मीदवारों के समर्थकों ने नारेबाजी शुरू कर दी। इसके बाद शाम 6 बजे तक पर्चे दाखिल करने की प्रक्रिया चलती रही।