सरकारी मकानों से भी होगी टैक्स वसूली
मिस मैनेजमेंट और भ्रष्टाचार के चलते कंगाली की कगार पर पहुंच चुके नगर निगम का खजाना भरने के लिए अब से सरकारी मकानों में रहने वालों से भी संपत्तिकर वसूला जाएगा। हालांकि, यह वसूली सीधे कर्मचारियों से नहीं होगी, बल्कि सरकारी संपत्ति होने से नगर निगम सरकार से इसकी वसूली करेगा। जाहिर है, ऐसे में मासिक भाड़ा दरें बढ़ाकर कर्मचारियों के वेतन से कटौती करके ही सरकार इसकी भरपाई करेगी। नव निर्वाचित नगर निगम परिषद में विपक्षी कांग्रेस पार्षद दल के भारी विरोध के बाद भी बहुमत में होने का फायदा उठाते हुए भाजपा पार्षदों ने सरकारी आवासीय परिसर से संपत्तिकर वसूलने के प्रस्ताव को पारित कर दिया है। गुरुवार को कुशाभाऊ ठाकरे अंतरराज्यीय बस टर्मिनस स्थित निगम मुख्यालय में परिषद की शुरुआती बैठक में पेश किए गए तीन प्रस्तावों को विरोध का सामना करना पड़ा, हालांकि तीनों प्रस्तावों को बहुमत के जोर से पारित कर दिया गया। नतीजे में कांग्रेस पार्षद दल ने विपक्ष की आवाज कुचलने और निर्धारित नियमों के खिलाफ जाकर प्रस्ताव बनाकर इसे बहुमत के जोर से पारित करवाने का आरोप लगाते हुए बर्हिगमन कर दिया। इससे पहले बैठक शुरु होने पर सारे पार्षदों ने अपना परिचय देते हुए अपने-अपने वार्ड की मुख्य समस्याओं के साथ ही सुझाव भी पेश किए। इसके साथ ही निगम पत्रिका भोजवाणी का विमोचन भी किया गया।मप्र नगर पालिक निगम अधिनियम,1956 की धारा 136 ए में उल्लेखित संपत्तियों से संपत्तिकर वसूली के लिए संशोधन का प्रस्ताव पेश होते ही कांग्रेस पार्षदों ने इसका कड़ा विरोध किया।