कोलार में नेताओं और नगर निगम में तनातनी
कोलार में भाजपा नेता और नगर निगम कर्मचारी के बीच तू.तू.मैं.मैं अब नई बात नहीं हैं । बीजेपी नेताओं का कर्मचारियों अधिकारीयों पर नाजायज दबाव इस सब की मुख्य वजह है। पिछले दिनों भाजपा नेता श्याम सिंह मीना और पार्षद रवींद्र यती का विवाद स्वास्थ्य कर्मचारी मगनलाल झांझोट से हुआ। सूत्रों की मानें तो विवाद महापौर, क्षेत्रीय विधायक, ननि कमिश्नर तक भी पहुंंच चुका है। अगर समय रहते इस पर लगाम नहीं लगाई गई तो आने वाले दिनों में यह विवाद बढ़ सकता है। दरअसल दोनों पक्ष अपनी-अपनी जगह मजबूत हैं।दरअसल पूरा विवाद काम को लेकर है। क्षेत्र में पूरा काम उक्त कर्मचारी के देख- रेख में होता है, इसलिए भाजपा नेता उन्हें फोन लगाकर जायज -नाजायज काम करने की हिदायत देते हैं, वहीं कर्मचारियों का अमला कम हैं ऊपर से बेगारी जैसे काम , इसलिए विवाद की नौबत बन जाती है। बताया जा रहा है कुछ बीजेपी नेता कर्मचारियों दबंग और गुंडा तक करार दे देते हैं , इसलिए यह कर्मचारी ,नेताओं को तवज्जों नहीं दे रहे हैं। नगर निगम कर्मचारी किसी नेता का खास अवश्य होता है, इसलिए वह ज्यादा दिन तक किसी क्षेत्र में टिक पाता है, नहीं तो उसका यहां से वहां ट्रांसफर होता रहता है।उक्त भाजपा नेता और ननि कर्मचारियों के बीच आरोप - प्रत्यारोप का दौर जारी है। दोनों पक्ष एक - दूसरे पर गंभीर आरोप लगाने से भी नहीं चूक रहे हैं। आरोप ऐसे लगाए जा रहे हैं कि गंभीर विवाद की स्थिति बन सकती है।अब सवाल यह उठता है कि जिनके हाथ में विकास की डोर है, वह आपस में इसी प्रकार झगड़ते रहेंगे, तो क्षेत्र की जनता की सुध कौन लेगा। ऐसे में क्षेत्र का विकास प्रभावित होता है। नेता और कर्मचारी दोनों मिल जुलकर विकास की नींव रखते हैं,ऐसे में क्षेत्र के विकास चिंता सताने लगती है।भाजपा के नेता और ननि के वरिष्ठ अधिकारियों को इस बारें में जानकारी है तो समय रहते इस ओर कोई ध्यान क्यों नहीं दिया जा रहा, विवाद बड़ा रूप ले सकता है। किसी बड़े झगड़ें में तब्दील हो जाएगा, तब इन जिम्मेदार लोगों को सुध आएगी।हाल ही में जोन 18 की बैठक आयोजित की गई थी। उक्त बैठक में भाजपा नेता श्याम सिंह मीना और पार्षद रवींद्र यती ने काम नहीं होने पर नाराजगी व्यक्त की थी। वहीं भाजपा नेता श्याम सिंह मीना और ननि स्वास्थ्य कर्मचारी के बीच जमकर विवाद हुआ था। बात एक - दूसरे को देखने तक पहुंच गई थी। बाद में उपस्थित लोगों ने दोनों पक्षों को समझा बुझाकर शांत कराया। इससे पहले भी कई बार बीजेपी नेता गुंडई पर उतर चुके हैं जिससे कोलार में कर्मचारी काम ही करना नहीं चाहते हैं ।