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भोपाल। मध्यप्रदेश में तेजी से खिसक रहे बहुजन समाज पार्टी के जनाधार और लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार की गाज प्रदेश बसपा अध्यक्ष डीपी चौधरी पर गिरी। बसपा सुप्रीमो मायावती ने दिल्ली में चुनावी नतीजों की समीक्षा के बाद यह फैसला सुना दिया।
मप्र की कमान इंजीनियर रमाकांत पिप्पल को सौंपी गई है। बताया जाता है कि मप्र में बसपा के जनाधार में तेजी से आ रही गिरावट को लेकर पार्टी सुप्रीमो ने अपनी चिंता जताई है। बसपा की ओर से खबर लिखे जाने तक इस निर्णय की औपचारिक तौर पर घोषणा नहीं की गई है, लेकिन पार्टी के सूत्रों का कहना है कि यह फैसला हो गया है।
इस संबंध में पिछले तीन-चार दिन से कवायद चल रही थी। पार्टी सुप्रीमो ने प्रदेश के प्रभारी रामजी गौतम को समीक्षा के लिए विशेष रूप से भोपाल भेजा भी था। इसके बाद उनसे मप्र की मैदानी रिपोर्ट मांगी गई थी, जिसके आधार पर निर्णय लिया गया।
शनिवार को दिल्ली में दिनभर चली बैठक में मायावती ने प्रदेश के प्रभारी एवं राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रामजी गौतम और प्रदेश अध्यक्ष डीपी चौधरी से चुनावी नतीजों का फीडबैक लिया। साथ ही हार के कारणों का ब्योरा भी मांगा।
इसके बाद उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष को हटाने का एलान कर दिया। मुरैना में बसपा के वरिष्ठ नेता एवं जोन प्रभारी रहे इंजीनियर रमाकांत पिप्पल को पार्टी का नया अध्यक्ष बनाया गया है। यह बदलाव तुरंत प्रभाव से लागू कर दिया गया है।
प्रदेश अध्यक्ष चौधरी को चार महीने पहले ही कमान सौंपी गई थी, विधानसभा चुनाव में पार्टी का अपेक्षित प्रदर्शन न होने से मायावती ने तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप अहिरवार को हटा दिया था। उनके बाद चौधरी को काम करते हुए तीन-चार महीने ही हुए थे कि लोकसभा चुनाव में हुई करारी हार के चलते उन्हें भी चलता कर दिया गया। प्रदेश अध्यक्ष के अलावा पार्टी के जोन प्रभारियों के प्रभार में भी फेरबदल किया गया है।
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