सरकारी जमीनों पर नेताजी का अवैध निगम प्रशासन ने किया नोटिस जारी
जोन अध्यक्ष के पति भाजपा नेता मनफूल श्याम मीणा पर लगा आरोपकांग्रेस-भाजपा नेता हुए थे आमने-सामने कोलार की राजहर्ष कॉलोनी में एक नेताजी द्वारा जो दुकानें बनाई गई हैं वे अवैध हैं। इस संबंध में निगम प्रशासन ने एक नोटिस जारी कर दिया है। गौरतलब है कि पिछले दिनों जोन अध्यक्ष के पति पर अवैध दुकानें बनाने का आरोप लगा था। हालांकि वे इससे इंकार करते हैं कि यह दुकानें उनकी नहीं हैं। कोलार में नपा के समय से ही सरकारी जमीनों पर अवैध रूप से कब्जा करने का सिलसिला जारी है, जो नगर निगम आने के बाद भी नहीं थमा है। यहां कुछ दिन पहले वार्ड 83 अंतर्गत राजहर्ष कॉलोनी स्थित निर्मला देवी मार्ग पर अवैध रूप से दुकान व मंदिर बनाने का मामला सामने आया था, जिसको लेकर काफी विवाद की स्थिति निर्मित हुई थी। इस मामले में अब नगर निगम ने स्थिति साफ करते हुए उन दुकानों को अवैध घोषित करते हुए तथाकथित दुकान मालिक के नाम पर नोटिस जारी किया है। तय समय पर सही जवाब नहीं मिलने पर इन दुकानों को तोड़ने की कार्रवाई हो सकती है। हालांकि स्थानीय पार्षद पति का कहना था कि उनका इन दुकानों से कोई लेना-देना नहीं हैं। इस मामले ने काफी तूल पकड़ा था, मंदिर निर्माण को लेकर दोनों पार्टी के नेता आमने-सामने आ गए थे,पुलिस ने मोर्चा संभाला तब कहीं जाकर स्थिति पर काबू पाया था। करीब एक महीने पहले इस निर्माण को लेकर जमकर विवाद हुआ था। कांग्रेस नेता का दावा था कि यह सोसायटी की ओपन लैंड है। इसमें सभी की सहमति से मंदिर निर्माण करने को कहा जा रहा है। वहीं भाजपा नेता का कहना था कि यह निजी जमीन हैं, इस कारण वे यहां पर दुकानें बना रहे हैं। इस मामले में दोनों पार्टियों के नेताओं ने एक-दूसरे पर जमकर आरोप लगाए थे। कांग्रेस नेताओं ने कोलार में भाजपा नेताओं द्वारा अवैध निर्माण करने को लेकर कोलार बंद कराने तक का ऐलान किया था।इस मामले में कांग्रेस नेताओं ने आरोप जोन अध्यक्ष के पति भाजपा नेता मनफूल श्याम मीणा पर लगाए थे, बल्कि नोटिस एक मारण के नाम पर दिया गया है। पता चला है कि यह कांग्रेस के ही नेता हैं। नगर निगम पर भी सवाल उठ रहे हैं कि उसने जिसे नोटिस दिया है उसका नाम तक नहीं मालूम।नगर निगम के उपयंत्री ने 5 दिसंबर को इस जमीन के मालिक मारन के नाम से नोटिस जारी किया है। इसमें कहा गया है कि यह निर्माण अवैध है। तय समय पर जवाब नहीं देने पर इस भवन को तोड़ने की कार्रवाई की जा सकती है। सूत्रों के अनुसार पिछले दिनों महापौर परिषद की बैठक में स्थानीय जोन प्रभारी बैठक में नहीं पहुंची थी। अवैध निर्माण को लेकर निगम प्रशासन के पास कई शिकायतें पहुंची थीं। इस पर उन्होंने तत्काल कार्रवाई करने के लिए निगम अधिकारियों को निर्देश दिए थे।