Advertisement
विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस ने बागी या रूठे हुए नेताओं के लिए ऑपरेशन 'घर वापसी' चलाने प्रवेश समिति बनाई थी, जिसके सामने बड़े नेताओं के मामले ही नहीं पहुंचे। ऐसे नेताओं की वापसी के लिए पार्टी के ही कुछ नेताओं की इच्छा थी मगर दूसरे असरदार नेताओं के विरोध से बड़े नेताओं की घर वापसी नहीं हो सकी। वहीं, प्रवेश समिति ने स्थानीय निकाय और जिला पंचायत के कुछ जनप्रतिनिधियों के मामलों में फैसला कर अपनी उपयोगिता को साबित करने का प्रयास किया।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी की कमान कमलनाथ के हाथ में आने के बाद कई बागी और रूठे हुए नेताओं की वापसी के संकेत मिले थे। नाथ ने इसे स्वीकार भी किया था। बाद में पूर्व मंत्री इंद्रजीत पटेल की अध्यक्षता में प्रवेश कमेटी भी बनाई गई, जिसमें ऐसे नेताओं को घर वापसी के लिए आवेदन करने की शर्त रखी गई। कमेटी बनने के बाद कांग्रेस छोड़कर गए चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी और एक मंत्री का नाम प्रमुखता से लिया गया था।
इसके अलावा कांग्रेस से बागी होकर विधानसभा चुनाव लड़ने वाले निर्दलीय विधायक दिनेश राय 'मुनमुन' को भी इस अभियान में पार्टी में लेने की कोशिशें हैं। सूत्रों के मुताबिक चतुर्वेदी की घर वापसी के लिए तो पार्टी के दिग्गज नेताओं सहित कई नेताओं ने काफी कोशिश की। हालांकि ये कोशिशें नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह के विरोध के चलते परवान नहीं चढ़ सकीं। बाद में चतुर्वेदी ने यह कहा था कि मैं चुनाव लड़ना चाहता हूं और जहां हूं, वहीं ठीक हूं।
विधायक दिनेश राय ने कांग्रेस नेताओं की कोशिशों में हो रही देरी और अन्य कारणों से भाजपा को ज्वाइन कर लिया। नाथ के कमान संभालने के बाद दो बड़े नेताओं पूर्व संसदीय सचिव रहे मोहन सिंह बुंदेला व पूर्व विधायक राजनारायण पुरनी ने घर वापसी की। हालांकि पुरनी की घर वापसी पर पीसीसी के पूर्व अध्यक्ष अरुण यादव की सहमति नहीं ली गई थी और उनकी इसको लेकर नाराजगी रही। प्रवेश समिति ने 67 लोगों को लिया बताया जाता है कि प्रवेश समिति ने पीसीसी के माध्यम से बागी होकर चुनाव लड़ने या रूठकर पार्टी छोड़ने वाले नेताओं से आवेदन मंगाए थे।
समिति ने 67 नेताओं को घर वापसी ऑपरेशन के तहत पार्टी में लिया। जिन बड़े नेताओं की घर वापसी प्रवेश समिति के माध्यम से हुई, उनमें उमरिया जिला पंचायत अध्यक्ष ज्ञानवती ही प्रमुख हैं। इनके अलावा सात मौजूदा व नौ पूर्व पार्षदों और आठ जिला कांग्रेस कमेटियों की भी घर वापसी हुई।
प्रवेश समिति ने बगावत कर चुनाव लड़ने और अन्य कारणों से पार्टी छोड़ने वाले नेताओं को पार्टी में दोबारा लेने के आवेदनों पर विचार किया था। वापसी के पहले सभी नेताओं से लिखित में लिया गया कि वे गलती को दोबारा नहीं दोहराएंगे - इंद्रजीत कुमार, अध्यक्ष, प्रवेश समिति, पीसीसी
Kolar News
All Rights Reserved ©2025 Kolar News.
Created By:
![]() |