अवैध दुकाने- पार्षद पति- गूंज बिधानसभा तक
कोलार वार्ड-83 राजहर्ष कॉलोनी में सोसायटी की जमीन पर अवैध दुकानों का मामला विधानसभा में भी पहुंच गया है। ननि के उपयंत्री द्वारा अवैध निर्माण को लेकर 5 दिसंबर को नोटिस जारी किया गया था, नोटिस मारण के नाम पर भेजा गया था। यह मामला अब कोलार के साथ-साथ स्थानीय राजनीति में खासा गर्मा रहा है। इसमें नेताओं पर आरोप तो हैं ही सबसे बड़ी मिलीभगत निगम की बिल्डिंग परमिशन शाखा की है। स्थिति स्पष्ट नहीं होने से मामला उलझ रहा है।कांग्रेस नेताओं के आरोपों के बाद पार्षद पति श्याम सिंह मीना का कहना है कि इससे मेरा कोई लेना-देना नहीं हैं, जानबूझकर विरोधियों द्वारा मुझे निशाना बनाया जा रहा है। ननि से उन्हें किसी प्रकार का नोटिस नहीं मिला है। मुझे बेवजह बदनाम किया जा रहा है। मैं अवैध निर्माण नहीं कर सकता।कोलार में उपयंत्री पद पर करीब एक साल से बीएस त्रिपाठी पदस्थ हैं। उन्होंने इस मामले से अपना पल्ला झाड़ते हुए कहा कि उन्हें नहीं पता नोटिस किसने दिया है और दुकानें किसने बनाई हैं, वरिष्ठ अधिकारियों से बात करिए।इस मामले में नगर निगम की खासी किरकिरी हो रही है। पूरा खेल एक इंजीनियर और कोलार के दो नेताओं ने किया है,लेकिन इसमें महापौर आलोक शर्मा की साख पर खासा बट्टा लगा है। इससे महापौर के समर्थक नाराज है और जांच की मांग कर रहे हैं।