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मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने गुरुवार को श्यामला हिल्स स्थित सरकारी आवास खाली कर दिया है। सिंह के कर्मचारियों ने आवास से ऑफिस का सामान निकालकर चाबी लोक निर्माण विभाग के अफसरों को सौंप दी है। अब सिंह के निजी ऑफिस स्टाफ के लिए किराए का भवन तलाशा जाएगा।
हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को 19 जुलाई को एक महीने के भीतर सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों से सरकारी बंगले खाली कराने के आदेश दिए थे, जिसकी समयसीमा 18 अगस्त को समाप्त हो गई। इससे पहले ही पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी, बाबूलाल गौर और उमा भारती को सरकार ने सामाजिक कार्यकर्ता की हैसियत से उन्हीं बंगलों का नया आवंटन आदेश जारी कर दिया। दिग्विजय सिंह ने ऑफिस स्टाफ के लिए सरकारी आवास की मांग का पत्र राज्य सरकार को लिखा था, जिस पर अब तक कोई फैसला नहीं हुआ है। आखिर सिंह ने ऑफिस का सामान हटाकर बंगला खाली कर दिया।
सूत्र बताते हैं कि राज्य शासन की ओर से सिंह को ई-टाइप आवास देने का प्रस्ताव दिया गया है। शासन ने इस प्रस्ताव पर दिग्विजय सिंह की सहमति चाही है, लेकिन यह आवास रिक्त नहीं है, क्योंकि जिस अधिकारी को आवंटित है उसने पीडब्ल्यूडी को आधिपत्य नहीं दिया है।
दिग्विजय ने बंगले से निजी सामान पहले ही हटा लिया था। हाईकोर्ट के आदेश आने और सरकार का रुख देखने के बाद उन्होंने निजी सामान राघौगढ़ भेज दिया था। सिर्फ ऑफिस स्टाफ का सामान नहीं हटाया था।
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