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लोकसभा में वंदे मातरम् की 150वीं वर्षगांठ पर हुई विशेष बहस के दौरान जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर मुस्लिम लीग के दबाव में राष्ट्रीय गीत के “टुकड़े करने” का आरोप लगाया, वहीं डीएमके सांसद ए राजा ने इसका तीखा विरोध किया। राजा ने ऐतिहासिक दस्तावेजों का हवाला देते हुए कहा कि वंदे मातरम् के कुछ छंद धार्मिक रूप से संवेदनशील थे और यही वजह थी कि इसका विरोध भी हुआ। उन्होंने दावा किया कि गीत में मूर्तिपूजा से जुड़े संदर्भ और कुछ हिस्से ऐसे थे, जिनसे मुसलमानों को आपत्ति होती थी।
राजा ने पीएम मोदी पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि प्रधानमंत्री हर विषय में तुष्टिकरण खोज लेते हैं, जबकि वंदे मातरम् विवाद की जड़ उस समय के सांप्रदायिक तनाव में थी। उन्होंने कहा कि 1905–1908 के बीच बंगाल में मस्जिदों के बाहर जुलूसों में वंदे मातरम् के नारे लगाए जाते थे, जिससे सांप्रदायिक विवाद बढ़ता था। राजा ने यह भी कहा कि “बंटवारा मुसलमानों ने नहीं किया, बल्कि आपके पुरखों ने किया,” और बंकिम चंद्र की रचनाओं में धर्म और देशभक्ति के मेल ने उस दौर में विभाजन की रेखाएं और गहरी कर दीं।
Patrakar Priyanshi Chaturvedi
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