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भोपाल । मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने प्रदेश की भाजपा सरकार पर बड़ा हमला बाेला है। उन्हाेंने कहा कि डॉ. मोहन यादव की भाजपा सरकार ने शासन के सभी पैरामीटर तोड़ दिए हैं। विधानसभा में विधायकों द्वारा पूछे गए प्रश्नों के गलत उत्तर दिए गए, कई मामलों में प्रश्न ही बदल दिए गए। यह आचरण लोकतंत्र एवं विधानसभा की गरिमा पर सीधा प्रहार है।
जीतू पटवारी ने साेमवार काे बयान जारी कर सवाल उठाया कि “मैं भाजपा के विधायकों को चुनौती भी देता हूं और प्रार्थना भी करता हूं कि आप तो सत्ता में हैं, आपकी सरकार है, आप अपने जिले में कोई एक काम बिना पैसे, बिना रिश्वत, सिर्फ पात्रता और नियमानुसार अपने किसी कार्यकर्ता या आम नागरिक के लिए करवा कर दिखाएं। जिस विधायक ने ऐसा ईमानदार काम करके जनता के सामने उदाहरण पेश कर दिया और उसे संज्ञान में ला दिया, मैं उसका सार्वजनिक नागरिक अभिनंदन करूंगा।”
उन्होंने कहा कि आज मध्य प्रदेश सबसे कर्ज़दार प्रदेश बन चुका है, सबसे अधिक बेरोज़गारी वाला प्रदेश बन चुका है और एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार बेटियों के साथ बलात्कार के मामलों में देश की “राजधानी” बन गया है। जिस तरह का भ्रष्टाचार “50 प्रतिशत कमीशन” की संस्कृति के रूप में पूरे तंत्र में फैला है, उसमें न कोई अधिकारी सुनना चाहता है, न कर्मचारी, क्योंकि सत्र नहीं चलते, प्रश्न नहीं उठते, इसलिए किसी को कोई डर नहीं है। पटवारी ने कहा कि भ्रष्टाचार का ताज़ा और जीता-जागता उदाहरण रायसेन जिले के बरेली–पिपरिया मार्ग (स्टेट हाईवे) पर स्थित नयागांव पुल का अचानक ढह जाना है। पुल के ऊपर से गुजर रही दो मोटरसाइकिलें नीचे जा गिरीं और बाइक सवार चार लोग घायल हो गए। यह घटना बताती है कि कैसे कमीशनखोरी और घटिया निर्माण कार्यों ने आम जनता की जान तक को जोखिम में डाल दिया है।
उन्होंने कहा कि हमारी पिछली सरकार ने किसानों के लिए खाद, राहत और समर्थन मूल्य देने की ईमानदार कोशिश की थी, लेकिन वर्तमान मोहन सरकार ने खाद की सुचारु उपलब्धता नहीं कराई, सोयाबीन, सब्ज़ियों, धान, मक्का और अन्य फसलों का उचित भाव नहीं दिया, किसानों को अपनी उपज, विशेषकर प्याज सड़कों पर फेंकने की नौबत आ गई। उन्होंने कहा “ऐसे हालात पैदा कर दिए कि किसान सड़क पर आ गया। मैं फिर से मोहन सरकार से आग्रह करता हूं कि आज खलघाट से जो आंदोलन हो रहा है, वह पूरे प्रदेश को जाम कर देगा।
नेशनल हेराल्ड केस और विपक्ष पर एफआईआर – लोकतंत्र पर हमला, बदले की राजनीति
जीतू पटवारी ने कहा कि संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो रहा है, और इसी बीच नेशनल हेराल्ड मामले में सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ दर्ज एफआईआर बदले की राजनीति का स्पष्ट उदाहरण है। उन्हाेंने कहा कि यह पूरी कार्रवाई राजनीतिक प्रतिशोध से प्रेरित है, सरकार विपक्ष के शीर्ष नेतृत्व को झूठे-सच्चे मुकदमों में उलझाकर परेशान कर रही है, इससे आम आदमी का न्याय व्यवस्था और जांच एजेंसियों पर भरोसा लगातार कम हो रहा है।
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