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मध्यप्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र 1 दिसंबर से शुरू हो गया है, जो 5 दिसंबर तक चलेगा। 3 दिसंबर को भोपाल गैस त्रासदी की बरसी पर स्थानीय अवकाश रहेगा। सत्र के पहले दिन ही कांग्रेस विधायकों ने आरोप लगाया कि उनके सवाल बदल दिए गए हैं और उनके विशेषाधिकार का हनन है...
पूर्व गृहमंत्री बाला बच्चन, पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह, विधायक प्रताप ग्रेवाल, पंकज उपाध्याय और महेश परमार ने स्पीकर को पत्र लिखकर सवालों में फेरबदल की शिकायत की। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि सरकार घोटालों से बचने के लिए सवाल बदलवा रही है। उन्होंने स्मार्ट मीटर और बढ़े बिजली बिलों का मुद्दा उठाते हुए सत्र की अवधि बढ़ाने की मांग की और कहा कि छोटे सत्र लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को कमजोर करते हैं।
विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने से पहले विपक्ष ने गांधी प्रतिमा के सामने ‘सीरप कांड’ को लेकर प्रदर्शन किया। कांग्रेस विधायक सेना पटेल ने पूतना का रूप धारण कर विरोध जताया और कहा कि बच्चों की मौत सरकार की लापरवाही का परिणाम है। वहीं बीजेपी विधायक शैलेंद्र जैन ने कहा कि मुद्दा संवेदनशील है, लेकिन इस तरह का व्यवहार उचित नहीं है। कांग्रेस आईएएस संतोष वर्मा का मुद्दा भी सदन में उठाने की तैयारी में है।
कांग्रेस के आरोपों पर भाजपा ने पलटवार किया। मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि कांग्रेस सत्र को गंभीरता से नहीं ले रही और सिर्फ सुर्खियाँ बटोरने के लिए हंगामा कर रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि कोई सवाल नहीं बदले गए हैं और विधानसभा ने इसका जवाब दे दिया है। भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा कि कांग्रेस को संसदीय परंपराओं का पालन करना नहीं आता। वहीं किसानों के आंदोलन को लेकर कृषि मंत्री एदल सिंह कंसाना ने कहा कि धार में किसी प्रकार का आंदोलन नहीं हो रहा है।
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