Video

Advertisement


साइबर अपराध से लड़ाई पुलिस के साथ पूरे समाज की है : मुख्यमंत्री डॉ. यादव
bhopal, fight against cyber crime ,Dr. Yadav

भोपाल। मध्‍य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 'रन फॉर साइबर अवेयरनेस' जागरूकता अभियान के आयोजन के लिए मध्य प्रदेश पुलिस सहित सभी प्रतिभागियों और सहयोगियों को बधाई देते हुए कहा कि साइबर अपराध से लड़ाई केवल पुलिस की नहीं, पूरे समाज की है। तकनीक और कानून अपने स्थान पर हैं, पर सबसे बड़ा हथियार जागरूकता है। जब नागरिक जागरूक होगा, तभी राष्ट्र सुरक्षित होगा।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव बुधवार को मध्य प्रदेश पुलिस द्वारा साइबर सुरक्षा और जागरूकता के लिए आयोजित रन फॉर साइबर अवेयरनेस के प्रतिभागियों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम ने डिजिटल युग की सबसे जरूरी पहल को जन-आंदोलन का रूप दिया है। हम जिस रफ्तार से डिजिटल रूप से मजबूत हुए हैं उसी रफ्तार से नई परेशानियां और खतरे सिर उठाने लगे हैं। जिस तकनीक ने हमें जोड़ा है उसी तकनीक ने अपराधियों को नए हथियार भी दिए हैं और आज ठगी के नए-नए तरीके आ गए हैं। डिजिटल अरेस्ट, फेक प्रोफाइल, हैकिंग, डेटा ब्रीचिंग, ऑनलाइन फ्रॉड, ओटीपी फॉड, ऑनलाइन शॉपिंग धोखाधड़ी और फेक इन्वेस्टमेंट लिंक जैसे अपराध बढ़ते जा रहे हैं। ये हमारे समाज के हर वर्ग को प्रभावित कर रहे हैं। 'रन फॉर साइबर अवेयरनेस' डिजिटल युग में नागरिक सुरक्षा का कर्तव्य निभा रही है। साइबर सिपाही, जिम्मेदारी, सुरक्षा और जागरूकता की दौड़ के लिए एकजुट हुए हैं।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने रन के लिए एकत्र प्रतिभागियों को भोपाल में अटल पथ स्थित प्लेटिनम प्लाजा से झंडी दिखाकर रवाना किया। यह रन अटल पथ से एपेक्स बैंक तिराहा होते हुए टी.टी. नगर स्टेडियम पर पूर्ण हुई। इस अवसर पर विधायक भगवानदास सबनानी, पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाना सहित वरिष्ठ पुलिस अधिकारी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव को कार्यक्रम स्थल पहुंचने पर पुलिस बैंड की धुन के साथ सलामी दी गई। पुलिस महानिदेशक तथा अन्य पुलिस अधिकारियों ने मुख्यमंत्री डॉ. यादव को पुष्प गुच्छ भेंटकर स्वागत किया और स्मृति चिन्ह भेंट किया गया।

साइबर ठगी होने पर तुरंत हेल्पलाइन नंबर 1930 पर करें कॉल
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जब डिजिटल इंडिया का सपना देखा था तब उन्होंने भारत को तकनीकी रूप से सशक्त और आत्मनिर्भर राष्ट्र बनाने की परिकल्पना की थी। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत डिजिटल क्रांति का अग्रदूत बना है। डिजिटल भुगतान, ऑनलाइन सेवाएं, ई-गवर्नेंस ये सब आज सबके जीवन का हिस्सा बन चुके हैं। मध्यप्रदेश ने भी पंचायत से लेकर सचिवालय तक हर स्तर पर डिजिटल सेवाएं पहुंचाने का काम किया है। बैंकिंग से लेकर शिक्षा तक और रोजगार से लेकर शासन तक हर प्रक्रिया अब ऑनलाइन है। आज के समय में साइबर अपराधी कभी स्वयं को पुलिस अधिकारी बताकर, कभी बैंक मैनेजर बनकर, तो कभी किसी सरकारी एजेंसी का नाम लेकर लोगों को ठग रहे हैं। जब किसी परिवार की मेहनत की कमाई पलभर में लुट जाती है, जब किसी विद्यार्थी का भविष्य ठगी में फंस जाता है, तो यह पूरे समाज के लिए पीड़ा का विषय बन जाता है। यदि किसी के साथ साइबर ठगी हो जाए तो तुरंत हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करें या cybercrime.gov.in पर रिपोर्ट दर्ज करें। देरी करने से पीड़ित के पैसे वापस मिलने की संभावना कम हो जाती है इसलिए त्वरित कार्रवाई ही बचाव है। जैसे हमने स्वच्छता को अपनी संस्कृति बनाया है, वैसे ही हमें साइबर स्वच्छता को भी अपनी संस्कृति बनाना होगा।


डिजिटल युग का संविधान और सुरक्षित नागरिक का संस्कार है, स्टॉप थिंक एंड देन टेक एक्शन
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि साइबर अपराध की सुरक्षा के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने हमें एक बहुत सार्थक मंत्र दिया है, स्टॉप थिंक, एंड देन टेक एक्शन। यानी रूको, सोचो और फिर कोई कदम उठाओ। जब कोई अनजान कॉल आए तो रूकिए। कोई आकर्षक लिंक दिखे तो सोचिए और जब निश्चित हो जाए कि यह सही है तभी क्लिक कीजिए। यही डिजिटल युग का संविधान है, यही सुरक्षित नागरिक का संस्कार है।


साइबर अपराध पैसों के साथ विश्वास, चरित्र और पहचान की भी क्षति
पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाना ने कहा कि आज साइबर अपराध हमारे देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ता अपराध बन चुका है। आने वाले वर्षों में साइबर क्राइम अन्य सभी अपराधों को पीछे छोड़कर सबसे अधिक संख्या में उभर कर आने वाला अपराध है। यह केवल पैसों की हानि नहीं, बल्कि विश्वास, चरित्र और पहचान की भी क्षति है। कई बार मेहनत और ज्ञान की चोरी भी डिजिटल माध्यमों से हो रही है। किसी की रिसर्च, डिजाइन, विचार या फोटो को बिना अनुमति के इस्तेमाल किया जाना भी साइबर अपराध है।


सुरक्षित रहना अब दरवाजा बंद करने के साथ स्क्रीन लॉक करना भी
पुलिस महानिदेशक मकवाना ने कहा कि आज की इस दौड़ का उद्देश्य केवल दौड़ना नहीं बल्कि सोचना और जागरूक होना भी है कि कैसे हम अपनी डिजिटल पहचान सुरक्षित रखें, कैसे हम अपने पासवर्ड-ओटीपी और निजी जानकारी किसी के साथ साझा न करें और कैसे हम डिजिटल सुरक्षा को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं। मध्यप्रदेश पुलिस लगातार साइबर जागरूकता के लिए अभियान चला रही है। विद्यालयों, महाविद्यालयों एवं पंचायत व शहरों तक हर नागरिक यह समझ सके कि हमें यह याद रखना होगा कि एक जागरूक नागरिक ही सबसे बड़ी सुरक्षा दीवार है। पुलिस महानिदेशक मकवाना ने उपस्थित प्रतिभागियों से साइबर अपराध के प्रति जागरूक रहने, लोगों को जागरूक करने और समाज को साइबर अपराध से बचाने में योगदान देने का संकल्प लेने का आहवान किया।


उल्लेखनीय है कि अक्टूबर माह को साइबर जागरूकता माह के रूप में मनाया जा रहा है। संपूर्ण प्रदेश में साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए कार्यशालाएं, व्याख्यान, स्कूल-कॉलेजों में सत्र और सोशल मीडिया अभियान कैंपेन चलाए गए। अभियान के अंतर्गत ही साइबर जागरूकता रन 2025 का आयोजन किया गया। रन में पुलिस अधिकारी- कर्मचारी, विद्यार्थी, स्वयंसेवी संस्थाओं के सदस्य शामिल हुए।

Kolar News 29 October 2025

Comments

Be First To Comment....

Page Views

  • Last day : 8796
  • Last 7 days : 47106
  • Last 30 days : 63782
x
This website is using cookies. More info. Accept
All Rights Reserved ©2025 Kolar News.