कानून तोड़ने वाले व्यक्तियों के विरूद्ध होगी सख्त कार्रवाई : मुख्यमंत्री डॉ. यादव
भोपाल । मध्य प्रदेश के गुना जिले में एक किसान की निर्ममता से हत्या के मामले में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। उन्होंने सोमवार को एक बयान में कहा है कि प्रदेश में आपराधिक कृत्य करने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने गुना में हुई घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि प्रदेश में कानून का उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों के विरूद्ध सरकार द्वारा सख्त कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने बताया कि गुना के फतेहगढ़ थाना क्षेत्र में में 26 अक्टूबर की दोपहर हुई घटना के आरोपी महेंद्र सिंह सहित 14 व्यक्तियों के विरूद्ध थाना फतेहगढ़ में अपराध पंजीबद्ध किया गया है। प्रकरण के नामजद आरोपी हुकुम सिंह नागर को राउंडअप कर लिया गया है। घटना में उपयोग में लाए गए ट्रैक्टर को भी बरामद कर लिया गया है।
गुना में किसान रामस्वरूप नागर की हत्या कराने का आरोप भाजपा नेता महेंद्र नागर पर लगा है। जिसके बाद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल के निर्देश पर महेंद्र नागर को पार्टी से निकाल दिया गया है। नागर भाजपा की बूथ समिति का अध्यक्ष था। वह सरपंच भी रहा है। महेंद्र नागर का घर किसान रामस्वरूप के पड़ोस में ही है। वह अन्य आरोपियों के साथ फरार है। उसका रामस्वरूप से जमीन को लेकर विवाद चल रहा था।
हत्या की वारदात फतेहगढ़ थाना क्षेत्र के गणेशपुरा गांव में रविवार दोपहर में हुई। रामस्वरूप (40) पर 15 लोगों ने धारदार हथियारों से हमला कर दिया था। परिवार की महिलाएं और बेटियां बचाने आईं तो उनके साथ भी मारपीट की। बुरी तरह घायल रामस्वरूप की भोपाल रेफर करने से पहले ही अस्पताल में रात करीब आठ बजे मौत हो गई थी। पत्नी विनोद बाई नागर (38), बेटी तनीषा नागर (17) के साथ उनके भाई राजेंद्र नागर (50) और भतीजी कृष्णा नागर (17) घायल हो गए। परिजन के बयान के आधार पर पुलिस ने महेंद्र नागर, जितेंद्र नागर, कन्हैयालाल, लोकेश, नवीन समेत 13 नामजद और एक अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। रामस्वरूप के ऊपर थार चढ़ाने का आरोप जितेंद्र नागर पर है।
रामस्वरूप नागर के परिवार के पास 22 बीघा जमीन है, जिस पर खेती कर वह अपने परिवार का पालन पोषण करते थे। उनकी तीन बेटियां और एक बेटा है। बेटा सबसे छोटा है। राजस्थान के बारां जिले के पचलावडा गांव में रामस्वरूप नागर के मामा पप्पू नागर रहते हैं। उनकी छह बीघा जमीन गांव में है। नागर परिवार के मुताबिक, कुछ समय पहले महेंद्र ने इस जमीन का गिरवीनामा लिखवा लिया। मामा ने बताया था कि 70 हजार रुपये में गिरवीनामा हुआ, लेकिन आरोपियों ने उन्हें केवल 22 हजार रुपये ही दिए। रामस्वरूप का कहना था कि मामा को जितने पैसे दिए थे, उससे दोगुने पैसे वापस ले लो लेकिन गिरवीनामा रद्द कर दो। पिछले दिनों नाहरगढ़ थाने में समझौता भी हुआ था। लेकिन बाद में आरोपी पक्ष बदल गया और जमीन को लेकर विवाद करने लगा था।
रामस्वरूप की बेटी तनीषा ने पुलिस से कहा कि आरोपियों ने पापा को थार से कुचल दिया। हमारे कपड़े भी फाड़ दिए। वहीं, भतीजी कृष्णा ने कहा कि मैं, चाचा और चाची पैदल खेत पर जा रहे थे। अचानक वो लोग आ गए। उन्होंने चाचा को चारों तरफ से घेर लिया। उनके साथ मारपीट करने लगे। आवाज सुनकर मेरी बहन तनीषा बचाने आई तो उसकी छाती पर बैठ गए और बंदूक चलाई। उसके कपड़े फाड़ दिए। मैं बचाने पहुंची तो मेरे भी कपड़े फाड़ दिए और मारपीट की। चाचा के ऊपर ट्रैक्टर और थार गाड़ी चढ़ा दी।
एसडीओपी विवेक अष्ठाना ने बताया कि गणेशपुरा गांव में रामस्वरूप के साथ राजस्थान के रहने वाले महेंद्र नागर और लगभग 15 लोगों ने मारपीट की थी। उसे जिला अस्पताल भिजवाया। यहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। पुलिस आरोपियों की तलाश में जुटी है।