छिंदवाड़ा । मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और पूर्व सांसद नकुलनाथ रविवार को जहरीले कफ सिरप कांड के पीड़ित परिवारों से मिलने परासिया पहुंचे। यहां उन्हाेंने मृत बच्चों को श्रद्धांजलि दी। पीड़ित परिजनों का दुख सुनकर कमलनाथ भी भावुक हाे गए। उन्हाेंने कहा कि पूरी घटना सरकार की लापरवाही का नतीजा है। यह सिर्फ़ ज़हरीला कफ सीरप पीने से हुई मृत्यु का मामला नहीं है बल्कि प्रशासनिक लापरवाही से की गई हत्याएं हैं। इस मामले में अन्य डॉक्टरों पर भी एफआईआर दर्ज होनी चाहिए।
कमलनाथ और नकुलनाथ ने रविवार सुबह परासिया के उत्सव मैरिज लॉन में जान गंवाने वाले बच्चों के परिजनों से मुलाकात की। दोनों नेता सुबह 10:30 बजे दिल्ली से विशेष विमान से छिंदवाड़ा की इमलीखेड़ा हवाई पट्टी पहुंचे। सुबह 11:15 बजे हेलीकॉप्टर से परासिया आए। 11:20 से 11:40 तक उत्सव मैरिज लॉन में पीड़ित परिवारों से मुलाकात की। 11:40 से 12:00 बजे तक मीडिया से बात कर वापस छिंदवाड़ा के लिए रवाना हुए। देरी से आने पर कमलनाथ ने कहा, मुझमें आप लोगों का सामना करने की हिम्मत नहीं थी, इसलिए पहले जीतू पटवारी और उमंग सिंघार को भेजा था। यहां भीड़ नहीं लगवाना चाहता था। मैं इस दुख को सहन नहीं कर पा रहा था। मैं हर संभव मदद के लिए तैयार हूं।
कमलनाथ ने कहा कि जिन दवाइयों की टेस्टिंग होनी चाहिए थी, वह सरकार ने कभी कराई ही नहीं। अभी पता नहीं ऐसी कितनी और दवाइयां हैं जिनकी जांच बाकी है। ये दवाइयां सिर्फ मध्यप्रदेश में ही नहीं, बल्कि देशभर में बेची गई हैं। अगर समय पर कार्रवाई होती तो छिंदवाड़ा में इतने मासूमों की जान नहीं जाती। यह राज्य सरकार की बड़ी चूक और लापरवाही है। मुआवजे के मुद्दे पर मैंने मुख्यमंत्री से बात की है, और सरकार को पीड़ित परिवारों के लिए और अधिक सहायता करनी चाहिए। मेरी तरफ से जो भी संभव होगा, मैं वह करूंगा। मुआवजे के सवाल पर कमलनाथ ने कहा, हमने सरकार से प्रत्येक पीड़ित परिवार को 50 लाख रुपए का मुआवजा देने की मांग की थी। छिंदवाड़ा सांसद बंटी साहू मेरे आने पर सवाल उठा रहे हैं। अगर उन्हें सच में पीड़ितों का दर्द समझ में आता है, तो वे खुद प्रदेश सरकार से बात करके 50 लाख रुपए दिलवाएं।