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भोपाल वासियों के लिए स्वदेशी उत्पादों की खरीदारी का सुनहरा मौका : राज्यपाल पटेल
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भोपाल । मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि नाबार्ड के स्वयं सहायता समूहों, हस्तशिल्पियों, कृषक और उत्पादक संघों के उत्पादों की राष्ट्रीय प्रदर्शनी सह-ब्रिकी कार्यक्रम भोपाल वासियों के लिए स्वदेशी उत्पादों की खरीदारी, बचत और ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूती में योगदान देने का सुनहरा मौका है। प्रदर्शनी सांस्कृतिक विविधता और आर्थिक आत्मनिर्भरता का जीवंत उदाहरण है। उन्होंने मीडिया से अपील की है कि मेले का व्यापक प्रचार प्रसार करें, जिससे भोपाल में दूरस्थ ग्रामीण अंचलों से आए सभी उत्पादों की ब्रिकी हो जाए।
राज्यपाल पटेल बुधवार शाम को भोपाल के बिट्टन मार्केट, दशहरा मैदान में आयोजित ओजस्वनी महोत्सव भोपाल 2025 को संबोधित कर रहे थे। महोत्सव का आयोजन नाबार्ड के सह प्रायोजन में ओजस्वनी समदर्शी न्यास एवं वसुधा पब्लिकेशन्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा किया गया है।
 
राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि भारत की आत्मा गांवों में बसती है। आत्मा मजबूत होगी तभी हमारा शरीर अर्थात् देश मजबूत, सक्षम और आत्मनिर्भर हो सकता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भी भारत को आत्मनिर्भर और विकसित बनाने का महान कार्य हो रहा है। सरकार, मेक इन इंड़िया, वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट और वोकल फॉर लोकल के तहत स्थानीय उत्पादों को बड़े बाज़ारों तक पहुँचाने का प्रयास कर रही है।
 
उन्होंने प्रशिक्षित ग्रामीण महिला समूहों, कृषक उत्पादक संघों के द्वारा तैयार उत्पादों के लिए वर्ष 2018 से हर वर्ष राष्ट्रीय प्रदर्शनी-सह-बिक्री के आयोजन और अनेक अन्य प्लेटफार्म उपलब्ध कराने के कार्यों के लिए नाबार्ड भोपाल की सराहना की। उन्होंने कहा कि ग्रामीण आजीविका को और अधिक सशक्त बनाने के लिए कृषि और गैर-कृषि क्षेत्रों, स्थानीय कारीगरों और उत्पादों के आजीविका समूहों को प्रशिक्षण और प्रोत्साहन के निरंतर प्रयास जरूरी है।
राज्यपाल पटेल ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूती में नाबार्ड के 'स्वयं सहायता समूह – बैंक लिंकेज कार्यक्रम' को विश्व का सबसे बड़ा सूक्ष्म ऋण कार्यक्रम बनने की बधाई दी। उन्होंने कहा कि दूरस्थ अंचलों के भ्रमण के दौरान वे स्व-सहायता समूहों की महिलाओं के साथ चर्चा करते है। यह देखकर बहुत खुशी होती है कि समूह से जुड़कर महिलाओं का आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण हुआ है। ग्रामीण आजीविका को मजबूती मिली है।
 
भारतीय रिजर्व बैंक की क्षेत्रीय निदेशक रेखा चंदनावेली ने प्रदर्शनी सह-ब्रिकी की पहल के लिए नाबार्ड की सराहना की। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजनों से ग्रामीण आजीविका के लिए आमदनी प्राप्त होती है। प्रॉयार्रिटी सेक्टर को आर.बी.आई. द्वारा भी बहुत सहयोग किया जाता है। भारतीय स्टेट बैंक के मुख्य महाप्रबंधक प्रवाश कुमार सुबुधी ने कहा कि नाबार्ड का प्रयास समावेशी विकास की दिशा में महत्वपूर्ण पहल है। ऐसे आयोजनों में शामिल होकर कारीगरों, कृषकों, महिला स्व-सहायता समूहों को बड़ा बाजार, बड़ा विजन और डिजिटल प्लेटफार्म के उपयोग के लिए प्रोत्साहन मिलता है।
 
ओजस्वनी समदर्शी न्यास की अध्यक्ष डॉ. सुधा मलैया ने बताया कि ओजस्वनी महोत्सव का प्रारंभ वर्ष 2004 से हुआ है। आयोजन का यह 22वां वर्ष है। आयोजन अवधि में नृत्यश्री और स्वरश्री की प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाएंगी। नाबार्ड की महाप्रबंधक सी. सरस्वती ने स्वागत उद्बोधन दिया। उन्होंने बताया कि नाबार्ड विकास वित्त संस्थान के रूप में ग्रामीण उद्यमिता स्थानीय स्वदेशी उत्पादों को बढ़ावा, वित्तीय समावेशन और महिला, कृषक सशक्तिकरण के द्वारा ग्रामीण समृद्धि में सहयोग कर रहा है। बाजार की जरूरतों के अनुसार हस्तशिल्पियों, कारीगरों, महिला स्व-सहायता समूहों, कृषक और गैर कृषक उत्पाद संघों की समझ बढ़ाने, उत्पाद और बाजार तैयार कराने के प्रयासों में सहयोग, आयोजन का उद्देश्य है। इस राष्ट्रीय स्तरीय आयोजन में 16 एफपीओ, 16 एसएचजी और 22 ओएफपीओ सहित 100 कारीगर शामिल हो रहे हैं।

 

Kolar News 9 October 2025

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