महापौर और विधायक के बीच उलझा अतिक्रमण
दिनेश गर्ग कोलार में महापौर आलोक शर्मा और विधायक रामेश्वर शर्मा के बीच की जंग अतिक्रमण नहीं हटने दे रही है। महापौर अतिक्रमण हटाने अमला भेजते हैं तो विधायक इस काम को रुकवा देते हैं। स्थिति इतनी विषम हो चुकी है कि कई सड़कों की जमीन पर झुग्गियां बन गई और नगर निगम उसे चाह कर भी हटा नहीं पा रहा है। कोलार में मात्र एक दिन ही अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई हुई। इसके बाद संसाधनों का आभाव बताकर कार्रवाई से इतिश्री कर लिया गया। दरअसल, पूरे शहर में महापौर की मंशा के अनुसार अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई जारी है। क्षेत्र में भी विधायक ने अवैध अतिक्रमण हटाने के लिए इंजीनियरों को फटकार लगाई थी। वार्ड 82 और 83 में ही अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई हो सकी, बांकी शेष बचे तीन वार्डों में अतिक्रमण नहीं हटाया जा सकेगा। क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने को लेकर ननि के ऊपर भेदभाव के आरोप लगे थे। वार्ड 83 में एक महिला ने नगर निगम अमले पर अवैध दीवार में गिराने में पक्षपात का आरोप लगाया था। वहीं, यही आरोप वार्ड 82 में भी लगे थे। दो जोन, पांच वार्ड में संसाधनों का अभाव: ननि चुनाव संपन्न हुए करीब एक साल पूरा हो गया है, लेकिन जोन 18-19 में संसाधनों का अभाव बना हुआ है। यहां न ही प्रशासनिक अमला है न संसाधन। इस कारण विकास कार्य थमे हुए हैं। नियमित हो कार्रवाई: अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई नियमित होना चाहिए,जिससे अतिक्रमणकारी पुन: न जम सकें। मॉनिटरिंग के अभाव में अतिक्रमणकारियों के हौंसले बुलंद हैं। जबकि नगर निगम के सूत्र कहते हैं कि महापौर की मंशा के मुताबिक काम हो रहा था ,लेकिन बीच में विधायक समर्थकों के अतिक्रमण हटने का समय आया तो विधायक जी ने इस अभियान को ही रुकवा दिया और कहा ये गया कि नगर निगम के पास अमला नहीं है। कुल मिलकर महापौर और विधायक के बीच की जंग का खामियाजा कोलार की जनता को भुगतना पड़ रहा है और कोलार में झुग्गी माफिया हर जगह अपना कब्ज़ा बढ़ाता जा रहा है।