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माता-पिता, गुरुजनों के योगदान के प्रति हमेशा कृतज्ञ रहें विद्यार्थी : राज्यपाल पटेल
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भोपाल । मध्‍य प्रदेश के राज्यपाल एवं कुलाधिपति मंगुभाई पटेल ने कहा कि विद्यार्थी अपने माता-पिता और गुरूजनों के योगदान के प्रति हमेशा कृतज्ञ रहें। सफलता के बाद भी उनका हमेशा सम्मान करें। दीक्षांत शपथ का प्रतिदिन मनन करें और जीवन भर उसका अनुसरण भी करें। राज्यपाल पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नए, डिजिटल और "विकसित भारत" के सपने को साकार करने में विश्वविद्यालयों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। दीक्षांत, वह अवसर है जब शैक्षणिक यात्रा की पूर्णता के साथ, समाज और राष्ट्र की सेवा यात्रा का शुभारंभ होता है। यह केवल डिग्री प्राप्त करने का उत्सव नहीं, बल्कि विद्यार्थियों के वर्षों की मेहनत, अनुशासन और गुरुजनों के सफल मार्गदर्शन का प्रतिफल है।

राज्यपाल पटेल सोमवार को भोपाल के बरकतउल्ला विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। राज्यपाल पटेल और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में दीप प्रज्ज्वलन और मां सरस्वती की प्रतिमा पर पुष्प अर्पण कर समारोह का शुभारंभ किया। विश्वविद्यालयीन स्मारिका और पुस्तक का लोकार्पण भी किया। राज्यपाल व कुलाधिपति पटेल तथा मुख्यमंत्री डॉ. यादव की अगुवाई में बरकतउल्ला विश्वविद्यालय की शोभा यात्रा ने मंत्रोच्चार के बीच सभागार में प्रवेश किया। राज्यपाल पटेल का विश्वविद्यालय के कुलगुरु सुरेश कुमार जैन ने पौधा, अंग वस्त्र और स्मृति चिन्ह भेंट कर अभिनंदन किया। कुलगुरु जैन ने दीक्षित विद्यार्थियों को दीक्षांत उपदेश दिया और दीक्षांत शपथ दिलाई।

डिग्री और स्वर्ण पदक प्राप्त कर खिले विद्यार्थियों के चेहरे
राज्यपाल पटेल ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से युवाओं के लिए उनके कौशल, रुचि और क्षमता के अनुसार शिक्षा के प्रत्येक स्तर पर अनेक अवसर विद्यमान है। आज देश में कृषि, खाद्य, फिजिकल एजुकेशन, साइबर सिक्योरिटी, फोरेंसिक साइंस, ड्रोन तकनीक और विधि आदि विषयों में कैरियर की संभावनाएं तेजी से बढ़ी है। राज्यपाल पटेल ने युवाओं से अपने ज्ञान और कौशल से समाज और राष्ट्र उत्थान के लिए आगे आने का आह्वान किया है। राज्यपाल पटेल ने समारोह में विद्यार्थियों को डिग्री और स्वर्ण पदक प्रदान किए। दीक्षित विद्यार्थियों और स्वर्ण पदक प्राप्तकर्ताओं को बधाई दी। उन्होंने विश्वविद्यालय को शिक्षा, अनुसंधान और नवाचार के बेहतर प्रयासों के लिए नैक से "ए" ग्रेड प्राप्त करने और ग्लोबल वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिग में प्रदेश के एक मात्र विश्वविद्यालय के रूप में स्थान बनाने के लिए शुभकामनाएं दी।


दीक्षांत समारोह अब भारतीय परंपरा के अनुरूप आयोजित किए जा रहे हैं : मुख्यमंत्री डॉ. यादव
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में भारतीय अपनी क्षमता से विश्व में पहचान बना रहे हैं। अतीत की गलतियों को सुधारते हुए दीक्षांत समारोह अब भारतीय परंपरा के अनुरूप आयोजित किए जा रहे हैं। प्रदेश में सबसे पहले वर्ष 2020 में शिक्षा नीति लागू की गई। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में सभी भाषाओं के अध्ययन पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। सभी राज्यों में बोली जाने वाली भाषाएं हमारी राष्ट्रभाषा हैं। मध्यप्रदेश सरकार ने राष्ट्रभाषा हिंदी में मेडिकल की पढ़ाई कराने की पहल की है, जिसे काफी सराहना मिल रही है। शिक्षा को केवल नौकरियों से न जोड़ा जाए, यह समाज में ज्ञान के सतत प्रसार का माध्यम है। राज्य में कुलपति को कुलगुरु की नई संज्ञा मिली है, जिसे जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय दिल्ली ने भी अपनाया है। प्रदेश के विश्वविद्यालयों में नवाचारों के साथ कृषि संकाय और फैशन डिजाइनिंग जैसे रोजगारपरक पाठ्यक्रम की पढ़ाई कराई जा रही है।


नए मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों में विश्वविद्यालयों की बड़ी भूमिका
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि बरकतउल्ला विश्वविद्यालय के माध्यम से आज 54 हजार से अधिक विद्यार्थियों को स्नातक, 23 हजार विद्यार्थियों को स्नातकोत्तर, 190 विद्यार्थियों को पीएचडी, 21 विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल, इस प्रकार कुल 78 हजार विद्यार्थियों के सपने साकार हो रहे हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने सभी विद्यार्थियों एवं प्राध्यापकों को बधाई दी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में प्राइवेट कॉलेज और शासकीय विश्वविद्यालयों को मेडिकल कॉलेज और अस्पताल खोलने के लिए सरकार पूर्ण सहयोग प्रदान कर रही है। देवी अहिल्याबाई विश्वविद्यालय इंदौर के सहयोग से जनजातीय बहुल झाबुआ जिले में मेडिकल कॉलेज खुलने जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि देश में सुशासन की नई बयार आई है। देश के युवा, किसान, गरीब सभी वर्गों के कल्याण के साथ सरकार आगे बढ़ रही है। प्रधानमंत्री मोदी देश के स्वाभिमान और समाज के सभी वर्गों के हितरक्षक हैं। 21वीं सदी भारत की होगी और भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा।


प्रदेश के विश्वविद्यालयों में डिजिटल वैल्यूएशन होगा शुरू : मंत्री परमार
तकनीकी एवं उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि आज विद्यार्थियों ने ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। हमें जीवनभर समाज और परिवार का ऋण उतारने के लिए कार्य करना चाहिए। देश में भारतीय परंपरा के अनुसार दीक्षांत समारोह आयोजित किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री डॉ. यादव के उच्च शिक्षा मंत्री रहते हुए सबसे पहले प्रदेश में शिक्षा नीति लागू की गई। राज्य सरकार सभी विश्वविद्यालयों में डिजिटल मूल्यांकन शुरू करेगी। विद्यार्थियों को ऑनलाइन कॉपी उपलब्ध कराएंगे। शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के साथ प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों में 1 या 2 भाषाओं की पढ़ाई शुरू करेंगे। मध्यप्रदेश हृदय प्रदेश है। यहां भाषाओं को जोड़ने का कार्य शुरू होगा।


विद्यार्थी अपनी ऊर्जा राष्ट्र और समाज के कल्याण में लगाएं
कुलगुरु प्रो. सुरेश कुमार जैन ने विद्यार्थियों को शपथ दिलाते हुए कहा कि आप कही भी जाएं अपने विश्वविद्यालय और अपने शहर को कभी न भूलें। हमेशा सत्य और धर्म के मार्ग पर चलें और स्वाध्याय करें। साथ ही अपनी ऊर्जा समाज और राष्ट्र के कल्याण में लगाएं। दीक्षांत समारोह में विद्यार्थियों को डी.लिट, पीएचडी और स्नातकोत्तर की उपाधि प्रदान की गईं। इस दौरान विभिन्न संकायों में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल भी प्रदान किए गए।


कार्यक्रम में अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा अनुपम राजन, आयुक्त प्रबल सिपाहा, कुल सचिव अनिल शर्मा, कार्यपरिषद के सदस्य, विभिन्न संकायों के अध्यक्ष, विद्यार्थी और अभिभावक उपस्थित रहें।

 

Kolar News 8 September 2025

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