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भोपाल । मध्य प्रदेश में तबादलाें के माैसम में आने वाले आवेदनाें से प्रदेश के मंत्री इन दिनाें परेशान है। तबादलों की पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन है, लेकिन लोगों का मानना है कि ऑफलाइन अनुमति मिले बगैर बात नहीं बनेगी। यही कारण है कि आवेदक ऑनलाइन आवेदन जमा करने के बाद उनकी प्रति लेकर मंत्रियों के बंगलों के चक्कर लगा रहे हैं। ऐसे में आने वाले आवेदनाें से परेशान हाेकर भाेपाल में कई मंत्रियाें के सरकारी बंगलाें के बाहर और परिसर में बाेर्ड लगा दिए गए है, जिस पर लिखा है- कृपया स्थानांतरण के संबंध में संपर्क न करें।
दरअसल मध्य प्रदेश के डिप्टी सीएम एवं स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र शुक्ल के साथ राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा, उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार के साथ कई कैबिनेट मंत्रियों के बंगलों पर इस तरह के प्रिंटआउट लगा दिए गए हैं। इन प्रिंट आउट पर लिखा है कृपया स्थानान्तरण हेतु ऑनलाइन ही आवेदन करें। ऑफलाइन आवेदन इस कार्यालय में स्वीकार नहीं किए जाएंगे। यह लिखना तो ठीक है, लेकिन यहां तक लिख दिया गया है कि कृपया स्थानांतरण के संबंध में संपर्क न करें। बंगलाें के बाहर एक तरफ ये प्रिंटआउट चिपके हुए हैं, वहीं दूसरी ओर तबादला आवेदन लिए खड़े लोगों का तांता लगा हुआ है। ऐसी स्थिति के बीच मंत्रियों के बंगलों पर यह भी लिखा हुआ है कि माननीय मंत्रीजी प्रवास पर हैं।
तबादलाें पर गरमाई सियासत
इस मामले को लेकर सियासत भी गरमा गई है। शुक्रवार को नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि इससे साफ जाहिर है कि मंत्रीगण कुछ नहीं कर पा रहे हैं। सारे तबादले मंत्रालय से हो रहे हैं। वहीं नेता प्रतिपक्ष के बयान पर बीजेपी ने पलटवार किया है। बीजेपी प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी ने कहा है कि नेता प्रतिपक्ष की बुद्धि पर तरस आता है। तबादला प्रक्रिया पारदर्शी और ऑनलाइन है। ऐसे में ऑफलाइन आवेदनों का कोई महत्व ही नहीं। जहां तक बात बल्लभ भवन की है तो नेता प्रतिपक्ष को कमलनाथ सरकार की पांचवीं मंजिल याद आ गई होगी, जो तबादलों का अड्डा बना हुआ था।
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