‘भाजपा साफ करें निर्मला सप्रे को स्वीकार किया है या नहीं’, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने उठाए सवाल
भोपाल । मध्य प्रदेश की बीना विधानसभा सीट से विधायक निर्मला सप्रे एक बार फिर चर्चा में आ गई हैं। कांग्रेस की टिकट पर चुनाव जीतने के बाद बीजेपी में शामिल हुई सप्रे ने अभी तक अपने विधायक पद से इस्तीफा नहीं दिया है। वहीं भाजपा की मंडल कार्यसमिति में उनका नाम आने से विवाद और गहरा गया है। विधायक निर्मला सप्रे को बीजेपी की नगर मंडल कार्यसमिति में स्थायी आमंत्रित सदस्य बनाने के मामले पर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने बीजेपी से सवाल पूछे हैं।
भोपाल में अपने आवास पर मंगलवार काे मीडिया से चर्चा में उमंग सिंघार ने निर्मला को बीजेपी का स्थायी आमंत्रित सदस्य बनाने और बाद में इसे टाइपिंग मिस्टेक बताने पर कहा कि भाजपा के लोग अगर कहते हैं कि गलती से निर्मला सप्रे का नाम लिस्ट में आया है तो भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ये स्पष्ट करें कि बीजेपी ने उनको (निर्मला सप्रे) एक्सेप्ट किया है या नहीं? अगर निर्मला सप्रे को स्वीकार नहीं किया है, तो प्रदेश अध्यक्ष ये भी बताएं, चुनावी मैदान में आना है तो आखिर क्यों कोर्ट में देरी करवाई जा रही है। सिंघार ने कहा कि इन्हीं सब कारण से निर्मला सप्रे की सदस्यता को लेकर वे हाईकोर्ट गए। कल सुनवाई हुई थी, लेकिन 16 मई को अब अगली सुनवाई होगी। 16 मई को हाईकोर्ट ये तय करेगा कि इस मामले को इंदौर खंडपीठ सुनेगी या जबलपुर हाईकोर्ट में सुनवाई हो। मैं वहां का रहने वाला हूं। इसलिए मैंने इंदौर खंडपीठ में याचिका लगाई थी। अब इसमें भी राजनीति हो रही है।
सिंघार ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी बीना चुनाव से भाग रही है। बीजेपी में क्या क्षमता नहीं है, इसलिए कोर्ट से देरी करवाई जा रही है। अगर आप चुनाव जीत सकते हैं तो तत्काल निर्मला सप्रे को बोलकर इस्तीफा दिलवाएं। दरअसल लोकसभा चुनाव के दौरान चुनावी मंच पर मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के सामने भाजपा का गमछा पहन कर भाजपा में आने का ऐलान करने वाली सागर जिले की कांग्रेस से जीती एकमात्र बीना विधायक निर्मला सप्रे ने अभी तक अपनी स्थिति स्पष्ट नहीं की है।