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भोपाल। बीजेपी अनुसूचित जाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालसिंह आर्य ने साेमवार काे ग्वालियर में कांग्रेस की संविधान बचाओ रैली पर प्रतिक्रिया व्यक्त की। मीडिया से बातचीत करते हुए उन्हाेंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने आजादी के बाद इतने पाप किए हैं, इतना झूठ बोला है, देश की भावनाओं को बुरी तरह कुचला है और संविधान के इतने विपरीत चली है कि उसकी दुकान ही बंद हो गई है। आपातकाल लगाने वाली कांग्रेस का संविधान हितैषी बनना हास्यास्पद है। उन्हाेंनेकहाकिप्रधानमंत्रीनरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र और भाजपा की राज्य सरकारों में संविधान और बाबा साहब के विचार पूरी तरह सुरक्षित है। कांग्रेस अपनी इस बंद दुकान को खोलने के लिए कोई न कोई षडयंत्र, हथकंडेबाजी लगातार कर रही है और उसकी संविधान बचाओ रैली भी ऐसी ही हथकंडेबाजी है।
लालसिंह आर्य ने कहा कि कांग्रेस अचानक से संविधान बचाओ रैलियां कर रही है। मैं कांग्रेस के इन नेताओं से पूछना चाहता हूं क्या संविधान आज बना है? श्रद्धेय बाबा साहब भीमराव अंबेडकर का बनाया संविधान 1950 में लागू हुआ था और इसमें हर व्यक्ति के लिए बराबर के अधिकार दिए गए हैं। कांग्रेस अगर संविधान का इतना ही सम्मान करती है, तो उसने एक साल बाद 1951 में ही अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार क्यों छीन लिया था? अगर वह संविधान की हिमायती है, तो बिना कारण से देश में आपातकाल लगाकर एक लाख निर्दोष लोगों को जेल में क्यों ठूंस दिया था? 1975 में न्यायालय और प्रेस के अधिकारों को क्यों बाधित कर दिया था? क्यों देश की जनता से आपातकाल के समय लिए गए निर्णयों को न्यायालय में चुनौती देने का अधिकार छीना था?
कांग्रेस ने छीने दलितों के हक
लालसिंह आर्य ने कहा कि कांग्रेस पार्टी अगर संविधान की इतनी ही हितैषी थी, तो उसने संविधान दिवस क्यों नहीं मनाया? कांग्रेस की सरकार ने जम्मू कश्मीर में धारा 370 लगाकर दलितों, आदिवासियों से आरक्षण का अधिकार क्याें छीना था ? जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय को अल्पसंख्यक दर्जा देकर क्यों आरक्षण का प्रावधान समाप्त कर दिया था? काका कालेलकर आयोग की रिपोर्ट को पं. नेहरू और इंदिरा गांधी की सरकारों ने क्यों ठंडे बस्ते में डालकर रखा? क्यों पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा नहीं दिया? संविधान और दलित-आदिवासियों की हितैषी होने का ढोंग करने वाली कांग्रेस पार्टी के प्रधानमंत्री नेहरू जी ने 1961 में आरक्षण के विरोध में मुख्यमंत्रियों को पत्र क्यों लिखा था और कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने संसद में अपने भाषण में क्यों यह कहा था कि आरक्षण से बुद्धू पैदा होते हैं। वास्तव में कांग्रेस पार्टी संविधान के नाम पर झूठ बोलकर देश की जनता को बरगलाना चाहती है, उसे संविधान के सम्मान की कोई परवाह नहीं है।
स्वार्थ के लिए संविधान से खेलती रही कांग्रेस
अनुसूचित जाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष आर्य ने कहा कि कांग्रेस पार्टी आज संविधान को लेकर जो दिखावा कर रही है, उसकी वास्तविकता यह है कि उसने 88 बार से अधिक धारा 356 का दुरुपयोग करके चुनी हुई गैर कांग्रेसी सरकारों को अपदस्थ किया है। कांग्रेस की सरकारों ने 90 बार संविधान में संशोधन किए हैं। मतलब साफ है कि कांग्रेस पार्टी संविधान विरोधी है और देश का संविधान उसके लिए कोई मायने नहीं रखता। कांग्रेस के नेताओं ने अपने हित के लिए संविधान का कई बार अपमान कर कुचला है। कांग्रेस पार्टी और उसके नेता अपने स्वार्थों के लिए संविधान से खेलते रहे, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने जनता के हित के लिए संविधान में संशोधन किए।
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