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सुचिता के साथ संगठन के कार्यों को आगे बढ़ाएं कार्यकर्ताः शिवप्रकाश
bhopal,  Workers   organization
भोपाल । राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि संस्कृत भाषा विश्व की सबसे प्राचीन भाषाओं में से एक है। विश्व के प्राचीन ज्ञान का बोध संस्कृत भाषा के माध्यम से ही संभव हो सकता है। हमारी भारतीय संस्कृति के खजाने में छुपे ज्ञान और विज्ञान को अपनी प्रतिभा से जन-जन तक पहुंचाने का संकल्प समस्त उपाधी प्राप्तकर्ता विद्यार्थी लें। विद्यार्थी प्रयास करें कि वे अपने ज्ञान से वंचित लोगों का उद्धार करें। समाज और राष्ट्र की शिक्षा जगत पर बहुत सारी आशाएं टिकी हैं। आने वाले समय में भारत को विकसित बनाने में सभी विद्यार्थी अपना योगदान दें।


राज्यपाल एवं कुलाधिपति मंगुभाई पटेल सोमवार को उज्जैन में कालिदास संस्कृत अकादमी उज्जैन के पंडित सूर्य नारायण व्यास संकुल सभागृह में महर्षि पाणिनि संस्कृत वैदिक विश्वविद्यालय के पांचवें दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने समारोह में विद्यार्थियों को उपाधि प्रदान की।


वैदिक ज्ञान के महत्व को विस्तारित करने के करें प्रयास
राज्यपाल ने आह्वान किया कि वैदिक ज्ञान के उपयोग, महत्व और संभावनाओं विस्तारित करने के प्रयास करें। उन्होंने कहा कि कभी यह न सोचें कि आप अकेले हैं, आप सभी संसार में ज्ञान के बल पर परिवर्तन ला सकते हैं। आज की पीढ़ी को संस्कृत और परंपराओं के ज्ञान की आवश्यकता है। अच्छे संस्कारों के अंकुरण से ही संस्कृति का रक्षण संभव है। संस्कृत शास्त्रों में करुणा संवेदना और संस्कृति का समावेश है।


समय और शिक्षा का सही उपयोग व्यक्ति को जीवन में बनाता है सफल
राज्यपाल पटेल ने कहा कि कहा कि समय और शिक्षा का सही उपयोग ही व्यक्ति को जीवन में सफल बनाता है। उन्होंने सभी विद्यार्थियों को उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि जीवन में सफल होने पर अपने माता-पिता, शिक्षकों, समाज को न भूलें।


राज्यपाल ने विश्वविद्यालय से प्रकाशित पुस्तकों का विमोचन किया। उन्होंने योग, आयुर्वेद, संस्कृत एवं भारतीय ज्ञान परंपरा के क्षेत्र में विगत 35 वर्षों से अनवरत सेवारत तथा अविस्मरणीय योगदान देने के लिये महर्षि पतंजलि विश्वविद्यालय हरिद्वार के कुलपति आचार्य बालकृष्ण और नृत्य, नाट्यशास्त्र, संस्कृत एवं भारतीय जान परंपरा के क्षेत्र में अनवरत साधनारत केंद्रीय संगीत नाटक अकादमी नई दिल्ली की अध्यक्ष डॉ. संध्या पुरेचा को महामहोपाध्याय (डी.लिट.) की मानद उपाधि से विभूषित किया। राज्यपाल श्री पटेल ने महर्षि पाणिनि संस्कृत वैदिक विश्वविद्यालय को ए-प्लस ग्रेड मिलने की शुभकामनाएं दीं।


भारतीय ज्ञान परंपरा को आगे बढ़ाने में दें योगदानः मंत्री परमार
उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि विद्यार्थी भारतीय ज्ञान परंपरा को आगे बढ़ाने में अपना योगदान दें। भारतीय संस्कृति और मान्यताओं को पूरे विश्व-पटल पर लाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं। भारतीय संस्कृति को आगे बढ़ाने की संकल्पना को ध्यान में रखते हुए निरंतर परिश्रम करें। उन्होंने कहा कि संस्कृत विश्वविद्यालय परिसर में वार्तालाप में अधिक से अधिक संस्कृत भाषा का उपयोग किया जाए। भारतीय संस्कृति की सभी भाषाओं का सम्मान करें और उन पर गर्व करें। शीघ्र ही प्रदेश के विश्वविद्यालयों में भारत के अन्य राज्यों की भाषाओं का भी अध्यापन करने का कार्य किया जाएगा। उन्होंने सभी विद्यार्थियों को शुभकामनाएं दी।


कुलपति को कुलगुरु नाम से संबोधित करने वाला मध्य प्रदेश देश का पहला राज्य
आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि विश्वविद्यालय के कुलपति को कुलगुरु नाम से संबोधित करने वाला मध्य प्रदेश देश का पहला राज्य है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी कभी भी विद्या अर्जन के कार्य से मुक्त न हों। राष्ट्र निर्माण के लिए विद्या अर्जन करना,अध्ययन और अध्यापन करना अत्यंत जरूरी है। डॉ. संध्या पुरेचा ने कहा कि संस्कृत भाषा हमारी संस्कृति की आत्मा है। यह एक सोच है, विचार है, भाव है। इसमें हमारी भारतीय संस्कृति का मूल तत्व निहित है। हमेशा इस पर गर्व करें।


कुलगुरु आचार्य विजय कुमार सीजी ने बताया कि पाणिनि संस्कृत विश्वविद्यालय को हाल ही में नेक से ए ग्रेड मिला है। यहां विद्यार्थियों के लिए ई लाइब्रेरी का निर्माण किया गया है। साथ ही कंप्यूटर प्रयोगशाला भी शुरू की गई है। विश्वविद्यालय में तीन नए पाठ्यक्रम शुरू किए गए हैं। साथ ही एक करोड रुपये की लागत से अलग-अलग प्रोजेक्ट विश्वविद्यालय में चल रहे हैं। विश्वविद्यालय में एनसीसी भी शुरू किया गया है और राष्ट्रीय स्तर पर विश्वविद्यालय को दो पुरस्कार प्राप्त हो चुके हैं।

 

Kolar News 1 April 2025

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