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कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने साेमवार काे अपने निवास पर पत्रकार वार्ता काे संबाेधित करते हुए बीजेपी विधायक चिंतामणि मालवीय नोटिस देने के मामले में सरकार को जमकर घेरा। उन्होंने कहा कि “अगर बीजेपी को किसी को नोटिस देना था तो प्रहलाद पटेल को देते। उन्होंने जनता को भिखारी कहा था। नोटिस देना था तो गोविंद सिंह राजपूत और विश्वास सारंग को देना था। राजपूत पर भ्रष्टाचार के कई मामले हैं। नर्सिग घोटाले में कितने युवाओं का भविष्य बर्बाद हुआ है। बीजेपी दलित, एससी-एसटी विरोधी पार्टी है। मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी द्वारा विधायक चिंतामणि मालवीय को कारण बताओ नोटिस जारी करना यह साबित करता है कि बीजेपी में सच बोलना अपराध बन चुका है। यह दलित विरोधी मानसिकता का परिचायक है और लोकतंत्र के लिए घातक है। जीतू पटवारी ने कहा कि भाजपा द्वारा मालवीय को नोटिस इसलिए दिया गया क्योंकि उन्होंने लोकतंत्र के प्रति निष्ठा और अपनी जिम्मेदारी निभाई है। उज्जैन में सिंहस्थ 2028 के नाम पर किसानों की जमीन अस्थायी अधिग्रहण के बहाने स्थायी रूप से हड़पने की साजिश रची जा रही है। सिंहस्थ आस्था का केंद्र है, लेकिन सरकार और माफियाओं द्वारा किसानों की जमीन छीनना अन्यायपूर्ण है। इस समय भू-माफिया सरकार के सिर चढ़कर बोल रहा है।
जीतू पटवारी ने कहा कि सौरभ शर्मा कांड को लेकर जांच नहीं हो रही हैं। मामला 20 हजार करोड़ का है लेकिन। डायरी सामने नहीं आ रही। लोकायुक्त का तबादला होना, र्डडी, का तबादला होना, आईटी का आना और कोई कार्यवाही नहीं करना, यह साबित करता है कि मामले को दबाया जा रहा है। सहकारिता विभाग के चुनाव नहीं होंगे, यह जनता द्वारा निर्मित संस्था और लोकतंत्र की हत्या हैं, सरकार अनाधिकृत रूप से सहकारिता पर कब्जा कर रही है। कांग्रेस पार्टी भाजपा की इस लोकतंत्र विरोधी सोच के खिलाफ है। सरकार सहकारिता के चुनाव कराये। कांग्रेस इस मामले को लेकर कोर्ट जायेगी।
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