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भोपाल । वक्फ बोर्ड की जमीन के सर्वे को लेकर भाेपाल मध्य से कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने आपत्ति जताई है। उन्होंने
वक्फ की संपत्तियों के सर्वे को रोकने की मांग करते हुए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के अध्यक्ष जगदंबिका पाल, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला और मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव को पत्र लिखा है।
आरिफ मसूद ने गुरुवार काे मीडिया काे दिए अपने बयान में कहा कि सर्वे के लिए जो नियम फॉलो किए जा रहे हैं, उसके कारण आने वाले समय में विवाद होगा।राजस्व गजट 1983 से 1989 प्रकाशित होने के बाद मध्य प्रदेश में मिसल बंदोबस्त हुआ था। जिस कारण राजस्व एंट्री मिलान में दिक्कत आना स्वाभाविक है। मांगी गई जानकारी में मध्य प्रदेश राज्य पत्र में दर्ज संपत्तियों में मुजावरों के नाम दर्ज हैं, या उक्त भूमिया शासकीय नामों से दर्ज हैं या अन्य व्यक्तियों के नाम दर्ज हैं। सच ये है की वक्फ की जमीनों पर खसरों में "वक्फ बोर्ड अ-अहस्तांतरणीय" लिखा जाना आवश्यक है। मसूद ने कहा- वक्फ बोर्ड अ-अहस्तांतरणीय नाम के दुरूस्तीकरण करने के लिए जबलपुर हाईकोर्ट में मामला लंबित है। कोर्ट में मामला होने के चलते फिलहाल इस पॉइंट के संबंध में कोई भी जानकारी देना न्यायोचित नहीं होगा। सर्वे के नाम पर सिर्फ खाना पूर्ति हुई भौतिक सत्यापन नहीं हुआ। वक्फ कृषि भूमि दरगाहों से कब्रिस्तान के लिए लगी हुई हैं। उन पर लोग अवैध कब्जा करके खेती कर रहे हैं और मुजावर द्वारा नोटरी कर जमीनों को अवैध रूप से बेच रहे हैं। उन्होंने मुस्लिम संस्थानों से की अपील की है कि सर्वे को लेकर अपने-अपने जिले में कलेक्टर को आपत्ति दर्ज करवाएं। बता दें कि राज्य सरकार ने जेपीसी के निर्देश के बाद वक्फ की संपत्ति के सर्वे के निर्देश दिए हैं।
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