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इंदौर । मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में भाजपा के पूर्व विधायक एवं मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के पुत्र आकाश विजयवर्गीय के खिलाफ लगभग पांच वर्ष पहले एमजी रोड पुलिस थाने में दर्ज मामले में एमपी-एमएलए कोर्ट ने सोमवार को फैसला सुना दिया है। इसमें आकाश सहित 10 लोगों को बरी कर दिया गया है। विजयवर्गीय की ओर से पैरवी करने वाले वरिष्ठ वकील अविनाश सिरपुरकर ने इसकी पुष्टि की है। यह प्रकरण प्रदेशभर में बल्लाकांड के नाम से जाना जाता है।
पांच साल साल पहले विधायक रहते आकाश विजयवर्गीय पर गंजी कंपाउंड क्षेत्र में जर्जर मकान को जमींदोज करने की कार्रवाई के दौरान नगर निगम के अधिकारियों को क्रिकेट के बल्ले से पीटने का आरोप लगा था। एमपी एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश देव कुमार ने सोमवार को फैसला सुनाया। साक्ष्यों के अभाव और फरियादी के बयान बदलने को आधार बनाकर आकाश के साथ ही आरोपी बनाए गए दस अन्य लोगों को भी कोर्ट ने दोषमुक्त कर दिया है।
प्रकरण की सुनवाई विशेष न्यायाधीश देवकुमार के समक्ष चल रही थी। सुनवाई के दौरान हुए बयान में फरियादी निगम अधिकारी धीरेंद्र बायस बयान से पलट गए थे। बता दें कि इस मामले में आकाश विजयवर्गीय को जेल जाना पड़ा था। 26 जून 2019 को जर्जर मकान पर कार्रवाई के दौरान यह घटनाक्रम हुआ था। मामले में बहस पिछले सप्ताह पूरी हो गई थी। बहस के दौरान विजयवर्गीय के वकीलों ने कोर्ट में कहा कि घटना का पेश किया गया वायरल वीडियो एडिटेड है। केस दर्ज करवाने वाले निगम अधिकारी ने भी बल्ले से मारने की बात से इनकार कर दिया है। वीडियो की फोरेंसिक जांच भी नहीं की गई है।
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