Video

Advertisement


बीज प्रमाणीकरण घोटाले की निष्पक्ष जांच करायी जाये: मुकेश नायक
bhopal, Seed certification scam ,Mukesh Nayak

भोपाल। प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष मुकेश नायक ने मंगलवार काे पत्रकारों से चर्चा करते हुये आराेप लगाया कि किसानों के साथ बेईमानी पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिह चाैहान के कार्यकाल में हुई जो निरंतर आज तक उसी गति से चलती आ रही है। हाल ही में बीज प्रमाणीकरण को लेकर जो घोटाला हुआ है वह भी उसी श्रंखला में शामिल है। खेती आधुनिक हो, किसानों का उत्पादन बड़े, किसानों को प्रति हेक्टेयर अधिक उत्पादन मिले इसके लिये रिसर्चकर्ताओं द्वारा तैयार किये हुये उन्नत किस्म केबीज किसानों को दिये जाते हैं, लेकिन दुर्भाग्य है कि पूरे राज्य में जो भ्रष्टाचार हुआ है, अन्नदाता किसानों के साथ जिस तरह का व्यवहार और बेईमान हुई यह क्षमा करने योग्य अपराध नहीं है।   

 

 

मुकेश नायक ने कहा कि मैं प्रमाणित रूप से बताना चाहता हूं कि डिंडौरी और मंडला दो जिलों में जो प्रमाणित बीज किसानों को दिया जाना था, वह दिया ही नहीं गया और उन्हीं 400-500 किसानों के नाम बार-बार हर सूची में मिलेगे, जिनके नाम सूची में शामिल है, डिंडौरी में यह बीज 19 हजार किसानों को दिया जाना था, लेकिन उनको नहीं दिया गया, सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि ऊपर से नीचे तक सारे लोग इस करप्शन में मिले हुये हैं, उसका जीवंत प्रमाण है कि बीज जिलों में आया ही नहीं, यदि आया होता तो उसका चालान होता, गेट पास होता, गोडान होता, टांसपोटेशन का कोई प्रमाण होता, बीज कहां आया, कहां रखा गया, किसने रिसीव किया, कोई प्रमाण ही नहीं है।    मुकेश नायक ने कहा कि 19 हजार किसानों की फर्जी सूची बनाकर लगा दी गई कि बीज इनको वितरित किये गये हैं। किसानों को राष्ट्रीय सुरक्षा मिशन के तहत तर्फ योजना में व्यवसायिक फसलों को प्रोत्साहित करने के लिए चना और मसूर का बीज दिया जाता है और 75-75 बीज पूरे प्रदेश के किसानों को दिया जाता है, मंडला और डिण्डोरी जिले के एक भी किसान को यह बीज नहीं दिया गया, जबकि 14 हजार किसानों के नाम की सूची जारी कर बताया गया कि किसानों को यह बीज दिया गया। खोज बीन करने वाली रिसर्च टीम यहां पहुंची तो पता चला कि जिनके नाम पोर्टल में दर्ज हैं वह किसान उस गांव के ही नहीं, उनके खसरे नंबर नहीं, उन किसानों की जमीन है ही नहीं। सबसे बड़ा दुर्भाग्य यह है कि 2012 में जिन किसानों की मृत्यु हो गई उनके नाम भी सूची में शामिल हैं। 2012 से 23 तक उन किसानों ने राज्य सरकार से बीज कैसे ले लिया।   

 

उन्हाेंने सवाल पूछते हुए कहा कि मैं मुख्यमंत्री मोहन यादव और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जो मध्यप्रदेश में कृषि कर्मण अवार्ड विजेता कहलाते थे, अनेक अलंकारों से विभूषित थे, उनसे पूछना चाहता हूं कि वे उन किसानों को कहां जाकर बीज देकर आयें हैं। फर्जी नाम फर्जी खसरा नंबर, फर्जी गांव और बीज का वितरण हो कैसे हो गया।

Kolar News 3 September 2024

Comments

Be First To Comment....

Page Views

  • Last day : 8796
  • Last 7 days : 47106
  • Last 30 days : 63782
x
This website is using cookies. More info. Accept
All Rights Reserved ©2024 Kolar News.