Advertisement
भाेपाल । प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि मप्र की सरकार पूरे देश से अलग सरकार है, जिसमें पिछले 10 साल में शिक्षा के क्षेत्र में निरंतर कमी आयी है। शिक्षा के लिए 10 साल में बढ़कर सीधा दोगुना यानि 32 हजार करोड़ का बजट किया गया है, लेकिन इन सालों में बच्चों की संख्या 50 लाख घट गई है। भाजपा सरकार का चेहरा तीन आंकड़े बताता हैं, जनसंख्या बड़ी, स्कलों में बच्चों की संख्या घटी और मुख्यमंत्री विज्ञापन और इवेंट में व्यस्त हैं। रोज अखबारों में देखते हैं कहीं स्कूलों के पास नाला बह रहा है, स्कूलों के पास में गटर हैं, डेंगू फेल रहा हैं, कहीं झाड के नीचे बच्चों को पढ़ाया जा रहा है, कहीं भवन विहीन स्कूल हैं, कहीं शिक्षक हैं पर बच्चे नदारद है तो कहीं दो-दो सौ बच्चे हैं लेकिन शिक्षक नदारद है। शहरी क्षेत्रों में शिक्षकों की अधिकता और ग्रामीण सुदूर अंचलों में शिक्षकों का अभाव है और मुख्यमंत्री इंवेट में व्यस्त रहते हैं।
जीतू पटवारी ने रविवार काे प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में पत्रकाराें काे संबाेधित करते हुए कहा कि रीवा में जो घटना हुई है वह घटना-दुर्घटना नहीं, सरकार द्वारा की गई बच्चों की सरकारी हत्या है। रीवा के गढ़ में एक जर्जर दीवार गिरने से 4 बच्चों की अकाल मृत्यु बेहद दर्दनाक है। ऐसे ही सागर में बच्चों के साथ जो दुर्घटना हुई वह प्रशासन की लापरवाही का इससे बड़ा उदाहरण ओर क्या हो सकता है। सागर जिले के शाहपुर ब्लाक में शिवलिंग निर्माण के दौरान कार्यक्रम स्थल की दीवार गिरने से 9 बच्चों की मौत हो गई और 4 बच्चे जीवन और मृत्यु से संघर्ष कर रहे हैं। यह प्रदेश हादसों का प्रदेश बन गया है।
पटवारी ने एक बार फिर अपने आराेपाें काे दाेहराते हुए कहा कि मप्र में तीन सी की सरकार चल रही है कर्ज, क्राईम और करप्शन। भाजपा के नेताओं और अधिकारियों द्वारा किये जा रहे भ्रष्टाचार की बयार बह रही है। सरकार कर्ज लेने में पीछे नहीं हटती और इंवेट करके उस कर्ज का खर्च करने में भी पीछे नहीं हटती। पच्चीस विभागों पर बजट की राशि से खर्च पर रोक लगा दी गई है। आर्थिक अराजकता की स्थिति मप्र में निर्मित हो चुकी है। बच्चों की हुई सरकारी हत्या पर मप्र सरकार की मैं निंदा करता हूं। कांग्रेस पार्टी मांग करती है कि बच्चों की सरकारी हत्या और स्कूली शिक्षा को लेकर मोहन यादव सरकार श्वेत पत्र जारी करे।
Kolar News
All Rights Reserved ©2025 Kolar News.
Created By:
![]() |