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भोपाल/भिंड। मध्य प्रदेश के पूर्व नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस नेता डॉ गोविंद सिंह के लहार स्थिति बंगले के सीमांकन का मुद्दा इन दिनों खूब गरमाया हुआ है। आरोप है कि उन्होंने सड़क पर कब्ज़ा कर लिया है, जिससे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं, इसको लेकर अब सीमांकन के लिए राजस्व विभाग की टीम यहां पहुंच चुकी है। टीम सबसे पहले मढ़यापुरा स्थित प्राचीन हनुमान मंदिर पहुंची। यहां से नपाई शुरू की गई। मेन रोड से कोठी नापी जाएगी।
राजस्व विभाग की टीम शनिवार को भारी पुलिस फोर्स और क्यूआरएफ बल के साथ कोठी के अंदर घुसी। डॉ. गोविंद के समर्थकों ने टीम का विरोध कर दिया। कुछ देर तनाव की भी स्थिति बनी। बता दें कि कोठी सरकारी जमीन पर कब्जा करके बनाई जाने की शिकायत के बाद ये नपती की जा रही है। सरकारी जमीन पर कब्जा पाया जाता है, तो कोठी पर बुलडोजर चल सकता है। बताया जा रहा है कि कोठी और आसपास के एरिया में दो सर्वे नंबर की तलाश की जाएगी। यह सर्वे नंबर सरकारी बताया जा रहा है। इन दोनों सर्वे नंबर को लेकर ही वार्ड 12 के रहने वाले जाटव समाज के लोगों ने शिकायत की थी कि कोठी सरकारी रास्ते पर कब्जा कर बनाई गई है। इधर, डॉ. गोविंद सिंह ने लहार बीजेपी विधायक अंबरीश शर्मा पर आरोप लगाते हुए कहा, वे दुश्मनों जैसा बर्ताव कर रहे हैं। हमारे कार्यकर्ताओं को चुन-चुन कर जेल में डलवा रहे हैं। अब हमारा मकान तुड़वाकर अपमानित करने का काम कर रहे हैं। डॉ. गोविंद सिंह का कहना है कि 'मैंने अपने जीवन में 1 इंच भी सरकारी जमीन या किसी दूसरे की जमीन पर कब्जा नहीं किया है। लहार विधायक के पिता का मकान 80 प्रतिशत सरकारी जमीन पर बना है। लहार में करीब 40 प्रतिशत मकान सरकारी जमीन पर बने हैं। इस पर प्रशासन क्यों चुप है।' गौरतलब है कि 18 जुलाई को भी टीम नाप के लिए पहुंची थी, लेकिन तब नपाई पूरी नहीं हो सकी। इसके दूसरे दिन 19 जुलाई को कांग्रेस नेता के बेटे अमित प्रताप सिंह ने सीमांकन रोकने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी। यह खारिज हो गई। ऐसे में आज फिर कार्रवाई शुरू की गई है।
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