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भोपाल। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने शनिवार को पीसीसी प्रदेश कार्यालय में एक पत्रकार वार्ता को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने बजट को लेकर प्रदेश सरकार को घेरा। जीतू ने कहा कि मध्यप्रदेश विधानसभा का सत्र जिस तरह से असमय समाप्त किया गया, यह संदेश है कि यह सरकार लोकतांत्रिक मूल्यों पर विश्वास नहीं करती है। 20 साल में किसी सरकार का यह सबसे छोटा बजट सत्र है। सरकार का यही उद्देश्य था कि बजट की विभागवार चर्चा न हो। पटवारी ने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार दिवालिया सरकार है। दस साल में 50 लाख बच्चे स्कूलों में घट गए और 400 करोड़ बजट बढ़ गया। कर्ज लेकर घटिया प्रबंधन किया जिसके कारण वित्त मंत्री को इस्तीफा देना चाहिए।
जीतू पटवारी ने कहा कि इस बैठक में नर्सिंग और जल संसाधन विभाग का मामला कांग्रेस विधायकों ने उठाया। 14 बैठकें होनी थी। ऐसा क्या हुआ कि आपने सदन नहीं चलाया। 64 फीसदी प्रश्नों के उत्तर ही नहीं मिले। 175 शून्यकाल की सूचनाएं थीं। 500 से ज्यादा ध्यानाकर्षण थे। ये सरकार संसदीय मर्यादाओं का पालन ही नहीं करती। पटवारी ने तंज कसते हुए कहा कि हेडिंग बनी कि कर्ज से कर्ज चुकाने वाली सरकार, इस सरकार ने पिछले बजट में 29 लाख 50 हजार रोजगार जनरेट करने के लिए कहा था। मोहन यादव सरकार का बजट पूरी तरह फेल रहा। बेरोजगारी के मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए कहा कि कुल पंजीकृत बेरोजगारों में से दो से तीन प्रतिशत रोजगार दिए गए हैं। दो लाख 30 हजार लोगों को निजी सेक्टरों में रोजगार दिया, शासकीय सेक्टर में नहीं। जो बच्चे बेरोजगार बचेंगे वो क्या चोरी करेंगे।
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