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भोपाल। मध्य प्रदेश की मोहन सरकार के कैबिनेट मंत्री चेतन कश्यप ने एक बार फिर अनोखी मिसाल पेश की है। चेतन कश्यप मंत्री के रूप में भत्ता, वेतन और पेंशन नहीं लेने का फैसला किया है। उन्होंने यह राशि विधानसभ कोष में जमा करने का फैसला किया है। उनका कहना है की वे अपना खर्च उठाने में सक्षम है। उन्होंने गुरुवार को सदन में यह जानकारी दी। इससे पहले भी विधायक के रूप में भी चेतन कश्यप वेतन और भत्ता नहीं लेते थे।
बता दें कि मध्य प्रदेश के रईस विधायक और मंत्री के रूप में चेतन कश्यप की गिनती होती है। दूसरे करोड़पति विधायक और मंत्रियों के सामने चेतन कश्यप ने अच्छा उदाहरण प्रस्तुत किया है। मंत्री चेतन कश्यप ने सदन में कहा मैं सरकार में मंत्री पद के तौर पर काम करता रहूंगा, जनता की सेवा करता रहूंगा, लेकिन मैं सरकार की ओर से दिया जाना वाला वेतन, भत्ता और पेंशन नहीं लूंगा। इसे विधानसभा के कोष में जमा किया जाए। मैं अपना खर्चा खुद उठाने में सक्षम हूं। इससे पहले भी मंत्री चेतन कश्यप विधायक के तौर पर मिलने वाले वेतन भत्ता और पेंशन नहीं लेते थे। एक बार फिर मंत्री कश्यप ने सरकार से वेतन नहीं लेने का फैसला किया है।
गौरतलब है कि चेतन्य कश्यप तीसरी बार के विधायक हैं। इससे पहले अपने दो कार्यकाल में भी उन्होंने सैलरी न लेने का ऐलान किया था। उन्होंने दोनों बार अपनी सैलरी को राजकोष से जनहित कामों में लगाने की बात कही थी। विधायक रहने के साथ-साथ कश्यप साल 2016 से 2018 तक राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष भी रहे।
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