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भोपाल। मध्य प्रदेश के दो सीएम राइज़ स्कूलों को दुनिया के सर्वश्रेष्ठ 10 स्कूलों में चुना गया है। अंर्तराष्ट्रीय संस्थाए ”टी-4 एज्युकेशन” द्वारा घोषित परिणामों के अनुसार सीएम राइज विनोबा स्कूल, रतलाम को ‘इनोवेशन’ श्रेणी में और सीएम राइज मॉडल उच्चतर माध्यमिक स्कूल, झाबुआ को ‘सपोर्टिंग हेल्दी लाइफ्स’ श्रेणी में चयनित किया गया है। सीएम राइज स्कूल के टॉप 10 में आने पर कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं।
मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने शुक्रवार को अपने बयान में कहा कि कथित अंर्तराष्ट्रीय संस्था ‘टी-4 एजुकेशन’ द्वारा आयोजित विश्व के सर्वश्रेष्ठ स्कूल पुरस्कार के टॉप 10 में मध्यप्रदेश के दो सीएम राइज़ स्कूलों को स्थान दिया गया है। वहीं, मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस पर अपनी खुशी जाहिर करते हुए शिक्षा से जुड़े सभी अधिकारीयों को बधाई दी है।
जीतू पटवारी ने कहा कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने बधाई देने से पहले इस कथित अंर्तराष्ट्रीय संस्था की जांच भी नहीं की। जीतू पटवारी के अनुसार मुख्यमंत्री ने अपने ट्वीट में संस्था के जिस यूट्यूब चैनल का जिक्र किया है, उस चैनल के पिछले 6 महीने में एक भी वीडियो को 100 व्यूज भी नहीं हैं, जिसके ट्विटर पर 7000 फालोअर भी नहीं, जिसके इंस्टाग्राम पर 4000 फालोअर भी नहीं, जिसके लिंकडिन के अनुसार जिस संस्था में न्यूनतम 11 कर्मचारी हैं। ऐसी संस्था जिसके पास हर देश में औसतन एक कर्मचारी भी नही, जिसने अपने वेबसाइट पर ‘कीमत/ Pricing’ नामक एक सेक्शन रखा है, जिसके जरिए आप भुगतान कर सकें ऐसी संस्था की बात पर यकीन करना आपका बचपना है।
पटवारी ने कहा कि सच यह है कि मिशन अंकुर के तहत सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक मध्य प्रदेश में दूसरी कक्षा के 58 प्रतिशत बच्चे तीन शब्दों का वाक्य नहीं पढ़ पाते, दूसरी कक्षा में पढ़ने वाले 51 प्रतिशत बच्चों को 20 तक की संख्या को घटाना भी नहीं आता है, सर्वे में तीसरी कक्षा के 40 प्रतिशत ऐसे बच्चे मिले, जिनको 99 तक के अंकों का जोड़ना-घटाना नहीं आता है, अगर सरकारी स्कूलों में दूसरी कक्षा के 66 प्रतिशत बच्चे अक्षर नहीं पहचान पाते, 53 फीसदी को संख्या का ज्ञान नहीं तो ये विश्व में टॉप टेन में आने का फर्जी दावा डॉ. मोहन यादव केवल आप ही कर सकते हैं।
पटवारी ने कहा कि बेहतर होगा कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री फर्जी संस्थाओं के सर्वे के आधार पर श्रेय लेने की बजाय जमीन पर उतरकर बदहाल स्कूलों की स्थिति देखें तथा पूर्व सीएम का अमेरिका से बेहतर सड़क जैसे बयान का अनुसरण कर विश्व के टॉप स्कूल मध्य प्रदेश में होने का फर्जी दावा ना करें।
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