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भोपाल। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी द्वारा भाजपा नेत्री व पूर्व मंत्री इमरती देवी को लेकर दिये गए विवादित बयान पर सियासत गरमा गई है। भाजपा ने जीतू के बयान पर कड़ी आपत्ति जताते हुए इसकी घोर आलोचना की है, तो वहीं दूसरी तरफ मामले को तूल पकड़ता देख जीतू पटवारी बैकफुट पर आ गए हैं।
जीतू पटवारी पूर्व मंत्री इमरती देवी के बयान को लेकर काफी सुर्ख़ियों में हैं। गुरुवार को प्रियंका गांधी की सभा से लौटने के बाद जीतू ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा था कि इमरती देवी का रस खत्म हो गया है। जो अंदर चाशनी होती है, उनके लिए अब मैं कुछ बात नहीं कर रहा। जीतू पटवारी का ये बयान जैसे ही वायरल हुआ, मध्य प्रदेश की सियासत गरमा गई। भाजपा जीतू पटवारी को घेरने के लिए किसी भी तरह की कसर नहीं छोड़ी। जब जीतू की किरकिरी शुरू हुई तो वे अपने बयान से पलट गए। उन्होंने शुक्रवार को पहले सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए अपने बयान पर सफाई दी। इसके बाद उन्होंने समाचार चैनल पर सफाई देते हुए कहा कि ‘मेरे बयान को तोड़मरोड़ कर, गलत संदर्भ में प्रस्तुत किया जा रहा है। मेरी मंशा सिर्फ सवाल के जवाब को टालने की थी। इमरती देवी मेरी बड़ी बहन जैसी हैं और बड़ी बहन मां के समान होती है। अगर फिर भी किसी को ठेस पहुंची हो, तो मैं खेद व्यक्त करता हूं।’
जीतू पटवारी ने मामला तूल पकड़ने के बाद भले ही खेद व्यक्त कर दिया हो, लेकिन भाजपा उन्हें बख्शने के मूड में नहीं है। प्रदेश सरकार में मंत्री कृष्ण गौर ने भाजपा प्रदेश कार्यालय में एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि जीतू पटवारी द्वारा दिए गए बयान ने यह साबित कर दिया कि कांग्रेस की मानसिकता महिला विरोधी है। कांग्रेस की डिक्शनरी में महिलाओं का अमपान करने वाले एक से बढ़कर एक शब्द हैं। इस देश में कांग्रेस पार्टी का होना ही दुर्भाग्य है। जीतू पटवारी को एक महिला का अपमान करने के लिए माफी मांगनी चाहिए।
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