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भोपाल। लोकसभा चुनाव से पहले एक बार फिर कांग्रेस आरक्षण को मुद्दा बनाने में जुट गई है। मप्र में भी आरक्षण को लेकर लंबे समय चली आ रही सियासी खींचतान को लेकर कमलनाथ ने एक बार फिर सवाल उठाए है। उन्होंने आरक्षण पर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के ड्राफ्ट को लेकर भाजपा पर निशाना साधा है।
कमलनाथ ने सोमवार को अपने साेशल मीडिया अकाउंट ‘एक्स’ पर लिखा कि भारतीय जनता पार्टी का आरक्षण विरोधी चेहरा अब खुलकर सामने आता जा रहा है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने जिस तरह से विश्वविद्यालय में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को समाप्त करने के लिए ड्राफ्ट तैयार किया है, वह अत्यंत खतरनाक प्रवृत्ति है। इस ड्राफ्ट में कहा गया है कि अगर उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग से योग्य उम्मीदवार नहीं मिलते तो आरक्षित सीटों को अनारक्षित कर दिया जाए। यह आरक्षण समाप्त करने की स्पष्ट साजिश है।
कमलनाथ ने आगे आरोप लगाते हुए कहा कि यह पहली बार नहीं हो रहा जब भारतीय जनता पार्टी समाज के कमजोर तबके से आरक्षण छीनना चाहती है। इससे पहले मध्य प्रदेश में मेरी सरकार ने अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण दिया था, जिसे भाजपा की सरकार ने षड्यंत्रपूर्वक समाप्त हो जाने दिया। मोदी सरकार इसीलिए जातिगत जनगणना के आंकड़े सार्वजनिक नहीं कर रही है कि समाज के वंचित वर्ग को उसका अधिकार न देना पड़े। लेकिन कांग्रेस पार्टी भाजपा के मंसूबे सफल नहीं होने देगी और हर स्तर पर दलित, आदिवासी, पिछड़े वर्ग और सर्व समाज की लड़ाई लड़ती रहेगी।
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