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भोपाल। मध्य प्रदेश के गुना जिले में बुधवार रात डंपर और बस की टक्कर के बाद बस में आग लगने से 13 यात्री जिंदा जल गए और 16 बुरी तरह झुलस गए थे। इस घटना पर राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने हादसे पर दुख जताकर संवेदनाएं व्यक्त की हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने गुरुवार को गुना पहुंचकर जिला अस्पताल में भर्ती घायलों से मुलाकात की और उनसे घटना के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने घायलों के उचित उपचार के लिए चिकित्सकों को निर्देश दिए हैं। मृतकों की पहचान नहीं हो सकी है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी हादसे पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने गुरुवार सुबह सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है कि मध्य प्रदेश के गुना में हुई सड़क दुर्घटना में कई लोगों की तौत का समाचार दुखद है। मैं मृतकों के परिजनों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करती हूं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करती हूं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी ट्विट कर कहा कि मध्य प्रदेश के गुना में सड़क हादसा हृदयविदारक है। इसमें जिन लोगों ने अपने परिजनों को खोया है, उनके प्रति मेरी गहरी शोक-संवेदनाएं। इसके साथ ही इस दुर्घटना में घायल सभी लोगों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं। राज्य सरकार की देखरेख में स्थानीय प्रशासन पीड़ितों की हरसंभव मदद में जुटा है।
गुरुवार सुबह मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव गुना पहुंचे और स्थानीय शासकीय जिला चिकित्सालय पहुंचकर हादसे में घायल बस यात्रियों से मिले और उनका हालचाल जाना। यादव ने अस्पताल के चिकित्सकों से भी घायलों के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली और उन्हें समुचित उपचार के निर्देश दिए।
गुना रवाना होने से पहले भोपाल में मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि बुधवार रात गुना जिले में हुई घटना अत्यंत दुःखद एवं हृदय विदारक है। मैंने जिले के कलेक्टर, एसपी व अन्य अधिकारियों से बात कर घटना की पूरी जानकारी ली है। साथ ही मैंने जांच के भी आदेश दिए हैं, जो भी इसके पीछे जवाबदार होंगे, मैं विश्वास दिलाता हूं कि उन्हें किसी भी कीमत पर नहीं छोड़ा जाएगा। ऐसी घटना दोबारा न हो, इस बात की हम पूरी कोशिश करेंगे। उन्होंने कहा कि सड़कों पर इस तरह के जो भी डेंजर जोन हैं, उनको चिन्हित कर वहां आवश्यक प्रबंध किया जाएगा। दुःख की इस घड़ी में मध्यप्रदेश सरकार शोकाकुल परिजनों के साथ खड़ी है।
दरअसल, गुना में डंपर से टक्कर के बाद बस में आग लगने से 13 लोगों की जिंदा जलकर मौत हो गई। जलने के बाद कई मृतकों की पहचान करना तक मुश्किल हो गया। बस में सवार ज्यादातर लोग गुना से अपने घर आरोन लौट रहे थे। इस दुर्घटना में गंभीर रूप से झुलसे 16 लोगों को अस्पताल पहुंचाया गया है।दुर्घटना की खबर मिलने पर अपनों की तलाश में लोग अस्पताल पहुंचे और मोबाइल से उनके फोटो लेकर लोगों को दिखाते रहे, लेकिन उनका कोई पता नहीं चला।
गुना अस्पताल के बाहर रोते हुए एक बुजुर्ग महिला अपनी बेटी को याद कर रही थी। उन्होंने बताया कि बेटी को घर बुलाया था, वह इंदौर में रहकर पढ़ाई कर रही थी। अस्पताल में सभी से पूछ लिया. लेकिन वह मिल नहीं रही है, ना ही उसके बारे में कोई कुछ बता पा रहा है। बुजुर्ग महिला के साथ आए स्वजनों की आंखों में से भी आंसू नहीं थम रहे थे।
वहीं, 11वीं कक्षा का छात्र सक्षम कुशवाह भी इसी बस में सवार था, जो प्रतिदिन कोचिंग के लिए गुना परिमाल चौहान से पढ़ने गुना आता था। बुधवार को भी कोचिंग पढ़ने के बाद बस से आरोन जा रहा था, लेकिन उसका अभी तक कोई पता नहीं चला है। उसके परिजन जिला अस्पताल में उसका फोटो दिखाकर जानकारी ले रहे हैं। लेकिन अभी तक उसकी कोई जानकारी नहीं लगी है।
बस हादसे में घायल हल्की बाई ओझा अपने परिजनों के साथ इसी बस में सवार थीं। उन्हें बुधवार को ही जमानत मिलने पर वापस अपने घर आरोन जा रही थीं। इस हादसे में उनके एक परिजन की मौत हो गई, जबकि चार लोग घायल हुए हैं। हल्की बाई और उनके परिजनों को करीब तीन-चार दिन पहले शासकीय कार्य में बाधा के चलते जेल भेजा गया था।
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