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मध्यप्रदेश में महँगी बिजली को लेकर राजनीति हो रही है ,वहीँ रीवा जिले में स्थापित होने वाले सोलर प्लांट में मध्य प्रदेश को सबसे सस्ती बिजली मिलेगी। इसके लिए तीन निजी कंपनियों के साथ मप्र पॉवर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड और दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन द्वारा सोमवार को पॉवर परचेस एग्रीमेंट किया गया।
तीन निजी कंपनियों में महिंद्रा रिन्यूएवल्स प्रा.लि. मुंबई, एक्मे सोलर होल्डिंग्स प्रा.लि. गुड़गांव और सोलेनर्जी पॉवर प्रा.लि. पोर्ट लुईस मॉरिशस के साथ पॉवर परचेस शामिल है। प्लांट से अक्टूबर 2018 तक बिजली उत्पादन शुरू हो जाएगा। प्लांट से 76 फीसदी बिजली मप्र को और 24 फीसदी दिल्ली मेट्रो को दी जाएगी।
सीएम शिवराज सिंह चौहान की मौजूदगी में केंद्रीय मंत्री वैंकेया नायडू और पीयूष गोयल ने एमओयू साइन किया। इस मौके पर कैबिनेट मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि सोलर प्लांट से सबसे कम दाम में मिलेगी बिजली। इतना ही नहीं साल 2017 के अंत तक बिजली उत्पादन 12 हजार 290 मेगावाट से बढ़कर 20 हजार मेगावाट कर हो जाएगा। उन्होंने कहा कि 2022 तक देश में एक लाख मेगावाट बिजली सोलर से मिलेगी। रीवा के पीपीए को देश का मॉडल बनाया जाएगा, क्योंकि इस प्रोजेक्ट से देश को नई दिशा मिलेगी।
इस मौके पर केंद्रीय मंत्री नायडू ने मप्र की नगरीय योजनाओं की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि ये दुर्भाग्य की बात है कि आजादी के इतने साल गुजर जाने के बाद भी देश के 18 हजार गांव में बिजली नहीं है। उन्होंने स्मार्ट सिटी, शहरी विकास और स्वच्छता अभियान सहित सीएम शिवराज की अन्य योजनाओं पर चर्चा की एवं उन्हें सराहा।
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