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भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के दंगल में अब गंगाजल की एंट्री हो गई है। ऐसा इसलिए हुआ है क्योंकि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आचार संहिता लागू होने के बाद एकांतवास पर ऋषिकेश चले गए। जहां से उनकी एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई है। तस्वीर में मुख्यमंत्री चौहान गंगा किनारे बैठे हुए हैं। मुख्यमंत्री की इसी तस्वीर पर सियासत शुरू हो गई है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने तस्वीर पर तंज कसा है।
कमलनाथ ने बुधवार को सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट कर सीएम शिवराज सिंह चौहान पर निशाना साधा है। उन्होंने सीएम शिवराज सिंह के गंगा के किनारे बैठे हुए फोटो पर तंज कसते हुए गंगाजल पर जीएसटी का मुद्दा उठाया है। कमलनाथ ने कहा मुख्यमंत्री जी को ये ज्ञात होना चाहिए कि जिस पूजनीय गंगा माँ के किनारे शांति की तलाश में वो कैमरे की टीम के साथ गये, उस गंगा माँ के ‘गंगाजल’ पर उनके दल की भाजपा सरकार द्वारा ही जीएसटी लगाकर धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया गया है। मुझे आशा है कि भाजपा में भी जो कुछ अच्छे नेता और समर्थक बचे हैं, वो भी ‘गंगाजल पर जीएसटी’ लगाने के हमारे इस विरोध का समर्थन करेंगे। भाजपा ने पहले राजनीति को व्यवसाय बना दिया, अब गंगा के पवित्र जल को भी व्यापार समझकर उस पर भी टैक्स लगा रही है। ‘गंगाजल’ पर टैक्स लगाना भाजपा का आध्यात्मिक भ्रष्टाचार है।
गौरतलब है कि हाल ही में केंद्र सरकार ने डाकघरों से मिलने वाले गंगाजल पर अब 18 फीसदी जीएसटी लगा दिया है। 18 प्रतिशत जीएसटी लगने के बाद अब 250 मिलीलीट गंगाजल की बोतल जो पहले 30 रुपये में मिलती थी, उसके लिए अब 35 रुपये चुकाने होंगे। बता दें कि गंगाजल आपके द्वार योजना 2016 में शुरू की गई थी। लोगों तक आसानी से गंगाजल पहुंच सके, इस उद्देश्य के साथ साथ डाक द्वारा इसे भेजने की सुविधा आरंभ की गई। अब इस पर सरकार ने अठारह फीसदी जीएसटी लगा दिया है जिस पर कांग्रेस ने निशाना साधा है।
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