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नगर निगम का भेदभावः प्यासा मर रहा कोलार ,गुलमोहर में घर-घर कनेक्शन
  प्यासा मर रहा कोलार

शाहपुरा के पास वार्ड 51 की निजी कॉलोनी गुलमोहर में नगर निगम लोगों को पानी सप्लाई के लिए घर-घर कनेक्शन देगा यानी उन्हें अन्य निजी कॉलोनियों के मुकाबले सस्ते पानी के साथ बिजली बिल और कर्मचारी रखने की झंझट से छुटकारा मिलेगा। इसके लिए बकायादा एमआईसी में प्रस्ताव पारित किया गया है। निगम के इस फैसले पर सवाल उठ गए हैं। होशंगाबाद रोड, अयोध्या बायपास, अवधपुरी, बैरागढ़ और कोलार समेत शहर की 894 निजी कॉलोनियों में लोगों ने गुलमोहर की तर्ज पर बल्क कनेक्शन से छूट देने की मांग की है।

दरअसल, निगम ने जो नियम बनाए थे, उसके तहत घर-घर कनेक्शन सिर्फ उन्हीं कॉलोनियों को दिया जाना है, जो कॉलोनियां निगम को हैंडओवर हो चुकी हैं। निजी कॉलोनियों को बल्क कनेक्शन देने का प्रावधान है। घर-घर यानी व्यक्तिगत कनेक्शन में मीटर लगने के बाद न्यूनतम 10 हजार लीटर तक 6.30 पैसे प्रति हजार लीटर के हिसाब से बिल आता है, जबकि बल्क कनेक्शन में न्यूनतम 10 हजार लीटर तक तीन गुना से अधिक खर्च आता है।

निगम ने बीते गुरुवार को खुद के बनाए नियम तोड़कर सिर्फ एक कॉलोनी को फायदा पहुंचाया। इससे अन्य निजी कॉलोनियों में भी व्यक्तिगत कनेक्शन देने की मांग उठने लगी है। कांग्रेसियों ने एमआईसी के इस फैसले का स्वागत करते हुए अन्य कॉलोनियों को भी व्यक्तिगत कनेक्शन देने की मांग की है।

खुद देरी की, बढ़ी लागत की भरपाई के लिए बल्क कनेक्शन की शर्त लादी - 2009 में जब 415 करोड़ रुपए की योजना लांच हुई थी, तब सभी जगह 24 घंटे घर-घर पानी देने की डीपीआर बनाई गई थी। योजना में देरी की वजह से लागत बढ़ी तो निगम ने इसमें निजी कॉलोनियों में पाइप लाइन हटा दी। साथ ही निगम ने पानी सप्लाई का घाटा पूरा करने के लिए निजी कॉलोनियों में बल्क कनेक्शन की शर्त भी लाद दी। लोगों ने भी इसका विरोध करते हुए निगम से कनेक्शन नहीं लिए। इसी वजह से नर्मदा का पानी आने के बाद भी पांच लाख की आबादी को फायदा नहीं हुआ। वह अब भी ट्यूबवेल पर निर्भर है। निगम को ने घर-घर मीटर लगाने की रकम भी खुद देना था, जिसका खर्च उपभोक्ता पर डाल दिया गया।

बताया जाता है कि गुलमोहर कॉलोनी में महापौर के रिश्तेदार रहते हैं। यही नहीं और कुछ एरिया निगम परिषद अध्यक्ष सुरजीत सिंह चौहान के वार्ड में भी आता है। जिसके चलते लोगों को राहत दी गई है। दरअसल, चार महीने पहले यहां के बिल्डर ने निगम का हिसाब-किताब चुकता करने के बाद पत्र लिखकर कहा कि अब उसे पानी नहीं चाहिए। जिससे निगम ने कनेक्शन काट दिया। इसके बाद लोग महापौर आलोक शर्मा से मिले थे। महापौर के हस्तक्षेप के बाद रहवासियों से पैसे एकत्र करके अस्थाई तौर पर पानी शुरू कराया गया। अब यहां घर-घर कनेक्शन देने के लिए एमआईसी में प्रस्ताव पारित किया गया है।

कोंग्रेस पार्षद सीमा प्रवीण सक्सेना का कहना भारी घपले वाली इस योजना में निगम ने सिर्फ लूट और धोखा किया है। बल्क कनेक्शन के नाम पर लोगों को गुमराह किया है। सबसे ज्यादा टैक्स निजी कॉलोनी वाले देते हैं, पर उनसे ही निगम भेदभाव करता है।

 

Kolar News 26 March 2017

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