Advertisement
नर्मदापुरम। शिवपुरी के कोलारस से विधायक वीरेंद्र रघुवंशी के बाद अब नर्मदापुरम से भाजपा के पूर्व विधायक गिरिजाशंकर शर्मा ने पार्टी छोड़ दी है। शुक्रवार को उन्होंने भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। वे मध्यप्रदेश विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष डॉ. सीतासरन शर्मा के भाई हैं। वे भाजपा से दो बार विधायक रह चुके हैं। उनका आरोप है कि संगठन में हो रही उपेक्षा के चलते यह कदम उठाया है।
पूर्व विधायक शर्मा ने शुक्रवार को नर्मदापुरम स्थित एक होटल में पत्रकारवार्ता में संगठन छोड़ने की बात कही। गिरिजा शंकर दो बार नगर पालिका अध्यक्ष भी रह चुके हैं। शर्मा के संगठन से इस्तीफा देने के बाद कई तरह की चर्चाएं सामने आ रही हैं। वे जनसंघ से जुड़े हुए रहे हैं। शर्मा भाजपा के कद्दावर नेताओं में माने जाते हैं। वह पिछले चुनावों में नर्मदापुरम से टिकट मांग रहे थे, लेकिन संगठन ने उनके भाई डॉ. सीतासरन शर्मा को टिकट दे दिया था।
गिरिजा शंकर शर्मा 45 साल से भाजपा में शामिल थे। पार्टी छोड़ने के सवाल के जवाब पर उन्होंने कहा कि मैं चाहता हूं कि प्रदेश में भाजपा सरकार नहीं बने, इसके लिए मैं हर संभव प्रयास करुंगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में भाजपा सरकार पूरी तरह फेल रही है। यहां महंगाई, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार चरम पर है। इंफ्रास्ट्रक्चर के मामले में ज्यादा अच्छा नहीं हुआ। प्रदेश में बेरोजगार युवाओं की संख्या ज्यादा है। सरकार गिनी-चुनी भर्ती निकालती है। उसमें भी भ्रष्टाचार हो जाता है। हाल में पटवारी भर्ती में भी घोटाला हुआ। इस कारण युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा।
शर्मा ने फिलहाल यह स्पष्ट नहीं किया कि वह कौन सी पार्टी जॉइन करेंगे। हालांकि डेढ़ महीने पहले वे पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ से मिलने के लिए भोपाल स्थित उनके आवास पर पहुंचे थे, लेकिन उस समय मुलाकात नहीं हो पाई थी। गिरिजा शंकर शर्मा ने कहा था कि आम आदमी पार्टी ने भी मुझसे संपर्क किया। शर्मा कौन सी पार्टी के साथ जाएंगे, इस पर उन्होंने अभी कुछ भी नहीं कहा है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस से चर्चा हुई थी, मगर अभी कुछ स्पष्ट नहीं है। कांग्रेस में अगर हमारे नाम पर सहमति नहीं बनेगी, तो फिर हम भी वहां नहीं जाएंगे। कांग्रेस भी किसी गलतफहमी में न रहे, क्योंकि बिना एकजुटता के उनकी राह भी आसान नहीं होगी।
गौरतलब है कि शर्मा परिवार का नर्मदापुरम की राजनीति में खासा दखल रहा है। गिरिजा शंकर शर्मा 2003, 2008 में चुनाव जीतकर विधायक बने थे। इसके बाद उनके भाई डॉ. सीतासरन शर्मा पर पार्टी ने विश्वास किया और टिकट दिया। डॉ. शर्मा पूर्व विधानसभा अध्यक्ष भी बने थे। गिरिजा शंकर शर्मा की पार्टी में छवि लगातार कम होती नजर आने लगी थी। 22 सालों से नर्मदापुरम विधानसभा की टिकट से शर्मा परिवार के सदस्य ही चुनाव लड़ते आ रहे हैं।
Kolar News
All Rights Reserved ©2025 Kolar News.
Created By:
![]() |