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मप्र के स्वास्थ्य विभाग में एमपी पीएससी के जरिए सिलेक्ट हुए स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स को सीएम हाउस में नियुक्ति पत्र दिया गया। शिवराज सिंह चौहान ने स्वास्थ्य मंत्री डॉ प्रभु राम चौधरी, एसीएस हेल्थ मो सुलेमान, हेल्थ कमिश्नर डॉ सुदाम खाडे की मौजूदगी में नियुक्ति पत्र दिए। कार्यक्रम में नवनियुक्त डॉक्टरों को संबोधित करते हुए सीएम ने कहा यदि मैं राजनीति में नहीं आता तो निश्चित तौर पर डॉक्टर होता।शिवराज सिंह चौहान ने कहा, पीएससी से आज 925 डॉक्टर का सिलेक्शन हो गया है। यह संख्या लगातार बढ़ रही है। अगर मैं कहीं पर भी बच्चों से पूछता हूं कि पढ़कर क्या बनोगे? तो सबसे ज्यादा बच्चे कहते हैं डॉक्टर बनना है।सीएम ने कहा सच बताऊं तो मैं भी डॉक्टर बनना चाहता था। उस वक्त ग्यारहवीं तक पढ़ाई के बाद पीएमटी देना पड़ता था। मेरे जो सब्जेक्ट थे वह फिजिक्स केमिस्ट्री बायोलॉजी थे। मैं इमरजेंसी में जेल चला गया। उस वक्त मैं 11वीं कक्षा में पढ़ता था मेरी उम्र उस समय 17 साल थी। उस समय आपातकाल के खिलाफ मुझे जेल जाना पड़ा। उस समय आंदोलन किया था जेल से जब वापस आया तब तक बहुत विचार बदल चुके थे। यह लगा कि अब और कुछ भी करना चाहिए। तो बाद में फिर मैंने पीएमटी की परीक्षा नहीं दी। लेकिन अगर मैं राजनीतिक क्षेत्र में नहीं आता तो निश्चित रूप से मैं डॉक्टर ही होता।सीएम ने कहा आप की कठिन जिंदगी है। डॉक्टर की ड्यूटी सुबह 10 बजे से शाम को 5:00 बजे तक की नहीं है। इमरजेंसी सर्विसेज आपको देनी पड़ती हैं। मरीज अगर आ गया तो दिन है या रात। यह सोचने का समय आपके पास नहीं होता। आपका काम ऐसा नहीं कि शाम को 5:00 बजे फाइल बंद हो गई अब 11:00 ही खोलूंगा। यहां तो जब मरीज आ गया तभी फाइल खोलनी है नहीं तो दूसरे की फाइल परमानेंट बंद हो जाएगी। हमारा अलग तरह का जॉब है। मेरा आपसे आग्रह है कि आप सौभाग्यशाली हैं लोगों की जिंदगी बचाने का काम आपके हाथों में हैं।
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