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भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान द्वारा की गई घोषणा पर अमल करते हुए प्रदेश के पुलिसकर्मियों को साप्ताहिक अवकाश देने की व्यवस्था सोमवार से लागू हो गई है। रविवार शाम को राजधानी भोपाल में ड्यूटी खत्म कर घर जाने वाले ट्रैफिक स्टाफ को डीसीपी हेडक्वार्टर सुधीर अग्रवाल और डीसीपी ट्रैफिक शुक्ला ने फूल देकर साप्ताहिक अवकाश के लिए रवाना किया।
मध्यप्रदेश के पुलिसकर्मियों को सोमवार से वीकली ऑफ मिलना शुरू हो गया है। इस संबंध में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने कुछ ही दिनों पहले घोषणा की थी। इस व्यवस्था के अंतर्गत प्रदेश का 14 प्रतिशत पुलिस स्टाफ रोजाना अवकाश पर रहेगा। इससे पहले कांग्रेस सरकार के समय तत्कालीन मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ऐसी घोषणा की थी, लेकिन उस पर लगातार अमल नहीं किया जा सका था और बाद में आए कोरोना संकट के चलते यह व्यवस्था चल ही नहीं सकी थी।
इधर, प्रदेश सरकार की इस पहल को कांग्रेस ने चुनावी चाल बताया है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा है कि मैंने मुख्यमंत्री के रूप में जनवरी 2019 में प्रदेश के पुलिसकर्मियों को यह अधिकार दिया था, लेकिन शिवराज सरकार बनते ही पुलिसकर्मियों से उनका यह अधिकार छीन लिया गया था। यह बात इसलिए याद दिला रहा हूं कि नीयत को समझना जरूरी है। भाजपा को 18 साल तक साप्ताहिक अवकाश की याद नहीं आई। साप्ताहिक अवकाश बहाल कर शिवराज सरकार पुलिसकर्मियों के साथ किए गए अन्याय का प्रायश्चित करने की कोशिश कर रही है। अगर यह प्रायश्चित सच्चे दिल से होता, तब भी कोई बात थी, लेकिन पुलिसकर्मी अच्छी तरह जानते हैं कि यह तो मामा की चुनावी चाल है।
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