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राजभवन के सांदीपनि सभागार के सभाकक्ष में बैठक का आयोजन किया गया था। बैठक में वनमंत्री श्री कुवंर विजय शाह, जनजातीय प्रकोष्ठ के अध्यक्ष श्री दीपक खांडेकर, अपर मुख्य सचिव श्री जे.एन. कंसोटिया, अपर मुख्य सचिव श्री मलय श्रीवास्तव, राज्यपाल के प्रमुख सचिव श्री डी.पी. आहूजा, जनजातीय प्रकोष्ठ के सदस्य सचिव श्री बी.एस. जामोद एवं सम्बंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि शासन की योजनाएं वंचितों के उत्थान के लक्ष्य से बनाई जाती हैं। उनका क्रियान्वयन इसी मंशा के साथ किया जाना चाहिए। लक्षित समुदाय और क्षेत्र के सबसे वंचित और गरीब परिवार को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। अधिकारियों को योजना के लक्ष्यों की पूर्ति के कार्य इसी भाव और भावना के साथ करने चाहिए। कार्य की मानीटरिंग का भी यही आधार होना चाहिए। वंचित की मदद से प्राप्त होने वाला आनंद और आत्मसंतुष्टि का अनुभव आलौकिक अनुभूति देता है।राज्यपाल ने मुख्यमंत्री दुधारू पशु योजना में वितरित दुधारू पशुओं की उत्पादकता की जानकारी प्राप्त की। उनको बताया गया कि प्रतिदिन 10 से 12 लीटर दूध देने वाले मवेशी पशुपालकों को उपलब्ध कराए गये हैं। विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा, सहरिया एवं भारिया की सतत् अजीविका के लिए मुख्यमंत्री दुधारू पशु योजना का प्रदेश के 14 जिलों में क्रियान्वयन किया जा रहा है। मण्डला जिले में 116, डिण्डोरी में 90, बालाघाट में 18, छिंदवाड़ा में 26, शहडोल में 26, अनूपपुर में 25, उमरिया में 39, ग्वालियर में 60, दतिया में 26, मुरैना में 30, श्योपुरकलां में 66, गुना में 45, अशोकनगर में 25 और शिवपुरी में 150 हितग्राहियों सहित कुल 742 परिवारों को लाभान्वित किया गया है। मध्यप्रदेश गौसंवर्द्धन बोर्ड में प्रदेश के 14 जनजातीय जिलों में 86 अशासकीय स्वयंसेवी गौशालाएँ है, जिनमें 28,555 गौवंश और 198 शासकीय गौशालाएँ हैं, जिनमें 14495 गौवंश है।
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